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थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बन सकते हैं भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
By Deshwani | Publish Date: 16/8/2019 12:53:27 PM
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बन सकते हैं भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

नई दिल्ली। भारत के तीनों सशस्त्र बलों के लिए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के प्राचीर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को नियुक्त करने की घोषणा की। यह सीडीएस तीनों सेनाओं (जल, थल और वायु) के बीच आपसी तालमेल को बेहतर करने का कार्य करेगा। भारत के रक्षा सुधार के लिए कारगिल युद्ध पर बनी कमेटी की सिफारिश के बाद इसकी मांग की जा रही थी। सीडीएस पांच सितारा जनरल होगा जो थल सेना, वायुसेना और नौसेना के उपर का रैंक होगा। प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को पीएम यह बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।

 
प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले से इस ऐलान का मतलब यह है कि भारत सरकार अब जल्द ही इस व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयार है। हालांकि अभी तक रक्षा मंत्रालय की ओर से इस मामले पर किसी भी प्रकार का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। नवंबर 2019 तक एक उच्च स्तरीय कार्यान्वयन समिति सीडीएस के तौर-तरीकों और उसकी भूमिका को सरकार के सामने स्पष्ट करेगी। बता दें वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ 30 सितंबर को रिटायर्ड होंगे जबकि जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है। ऐसे में वर्तमान थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को सीडीएस का पद दिया जा सकता है।
 
चीफ ऑफ डिफेंस पद बनने के बाद युद्धकालीन स्थिति में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा। साथ ही युद्ध के दौरान सिंगल प्वॉंइंट आदेश जारी किया जा सकता है। मतलब तीनों सेनाओं को एक ही आदेश जारी होगा। जिससे हमारी सेना की रणनीति और उनकी स्थिति और अधिक प्रभावशाली हो जाएगी। चीफ ऑफ डिफेंस पद से हम काफी हद तक अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं। सीडीएस के पास तीनों सेनाओं का जिम्मा होगा, साथ ही उन्हें साइबर और स्पेस कमांड का भी जिम्मा भी दिया जाएगा।
 
आपको बता दें कि अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम, जापान के साथ अन्य कई और देशों में चीफ ऑफ डिफेंस का पद नियुक्त है। थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख चीफ स्टाफ कमेटी में शामिल होते हैं, और इस कमेटी के सबसे उच्च सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है।
 
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