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जम्मू कश्मीर में पहले की तरह ही होंगे विधानसभा चुनाव, ये नई शुरुआत उनके लिए नई उम्‍मीदें लेकर आई है: प्रधानमंत्री मोदी
By Deshwani | Publish Date: 9/8/2019 10:51:14 AM
जम्मू कश्मीर में पहले की तरह ही होंगे विधानसभा चुनाव, ये नई शुरुआत उनके लिए नई उम्‍मीदें लेकर आई है: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रात 8 बजे राष्‍ट्र के नाम संबोधन दिया। उनका ये संबोधन पूरी तरह जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लोगों को समर्प‍ित था। अनुच्‍छेद 370 और 35 ए को हटाए जाने के बाद पीएम मोदी का देश के नाम ये पहला संबोधन था। इसमें उन्‍होंने घाटी के लोगों को ये भरोसा देने की पूरी कोशिश की कि ये नई शुरुआत उनके लिए नई उम्‍मीदें लेकर आई है। इस दौरान उन्‍होंने जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के शहीदों का खासकर जिक्र किया।

 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए जम्मू-कश्मीर एवं  नए लद्दाख को नए भारत के साथ ही विकास यात्रा में शामिल होने का आह्वान करते हुए वहां के निवासियों को भरोसा दिलाया कि जम्मू कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होंगे और मतदाता पहले की तरह अपने जनप्रतिनिधि चुन सकेंगे।
 
मोदी ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस ऐतिहासिक फैसले की पृष्ठभूमि बताई तथा लोगों को एक शांत, सुरक्षित और समृद्ध भारत का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा ‘ हम सभी चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा। जैसे पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा के भी चुनाव होंगे।
 
उन्होंने राज्यपाले से आग्रह किया कि वह खंड विकास परिषद का गठन, जो पिछले दो-तीन दशकों से लंबित है, उसे पूरा करने का काम भी जल्द से जल्द कराएं। 
 
उन्होंने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित क्षेत्र बनाने के पीछे की सोच को स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ कुछ काल खंड के लिए केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला कुछ सोच समझ कर किया है। जब से वहां राज्यपाल शासन लगा है वहां का प्रशासन सीधे केंद्र सरकार के संपर्क में है। प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर की राजनीति पर दो-तीन परिवार के वर्चस्व की ओर संकेत करते हुए कहा कि अब परिवारवाद की बजाय राज्य में पारदर्शी सुशासन की स्थापना होगी। उन्होंने उस क्षेत्र के लोगों विशेषकर युवाओं का आह्वान किया कि वे विकास की कमान अपने हाथ में लेने के लिए आगे आएं।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्य में नई राजनीतिक व्यवस्था से आतंकवाद और अलगाववाद को परास्त करने में भी मदद मिलेगी। हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐहतियात के तौर पर ऐसा किया गया है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। इसका भान सरकार को है। उन्होंने कहा ‘मैं जम्मू-कश्मीर के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी।
 
उन्होने कहा कि ‘मुझे पूरा विश्वास है कि अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो वो कमाल कर देंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी। सुशासन और पारदर्शिता के वातावरण में, नए उत्साह के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।’
 
उन्होंने सरकार के फैसले से असहमत लोगों के बारे में कहा कि लोकतंत्र में मतभेद रखना उनका अधिकार है। लेकिन देशहित को सर्वोपरि मानते हुए नई व्यवस्था में जम्मू कश्मीर को विकास की नई उंचाइयों तक ले जाने के काम में  उन्हें सहयोग करना चाहिए।
 
प्रधानमंत्री ने सरकार के फैसले से युवाओं, महिलाओं, कर्मचारियों, अल्पसंख्यकों, सफाई कर्मियों समेत समाज के हर तबके के होने वाले फायदों को गिनाया। 
 
मोदी ने कहा ‘अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर उठाए गए कदमों की वजह से जो परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वही लोग कर रहे हैं। कुछ मुट्ठी भर लोग जो वहां हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें जवाब भी वहां के स्थानीय लोग दे रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तानी साजिशों के विरोध में जम्मू-कश्मीर के ही देशभक्त लोग डटकर खड़े हुए हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की अवाम को भरोसा दिलाया कि कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ईद की बधाई देते हुए कहा कि सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि जम्मू-कश्मीर में ईद मनाने में लोगों को कोई परेशानी न हो। राज्य के जो साथी जम्मू-कश्मीर से बाहर रहते हैं और ईद पर अपने घर वापस जाना चाहते हैं, उनको भी सरकार हर संभव मदद कर रही है।
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