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चंद्रमा के और करीब पहुंचा चंद्रयान-2, चौथी बार सफलतापूर्वक बदली कक्षा: इसरो
By Deshwani | Publish Date: 3/8/2019 10:37:09 AMअमरावती (आंध्र प्रदेश)। देश का दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-2 कामयाबी की रोज नई ऊंचाइयां छूते हुए चांद के और करीब पहुंच गया है। चंद्रयान-2 ने शुक्रवार को अपराह्न तीन बजकर 27 मिनट पर धरती की चौथी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया। चंद्रयान-2 की सभी गतिविधियां सामान्य हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक पिछले महीने प्रक्षेपण के बाद से ‘चंद्रयान-2' की चौथी बार कक्षा बदली गयी है। चंद्रयान-2 की कक्षा को 646 सेकेंड में चौथी बार सफलतापूर्वक परिवर्तित किया गया। उसकी कक्षा में अगला परिवर्तन छह अगस्त को किया जाएगा। इससे पहले 24, 26 और 29 जुलाई को चंद्रयान-2 की कक्षा बदली गयी थी। चंद्रयान-2 को और ऊंचाई तक पहुंचाने के साथ ही इसरो ने इस यान को चांद तक पहुंचाने के 15 अहम चरणों में से शुक्रवार को चार को पूरा कर लिया है।
तीन हजार 850 किलो के तीन मॉड्यूल के साथ ‘चंद्रयान-2' का 22 जुलाई को प्रक्षेपण किया गया था। इसरो का उद्देश्य चंद्रयान-2 को सात सितंबर को चांद के अनछुए हिस्से दक्षिणी ध्रुव पर उतारना है, जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में बड़ी छलांग साबित होगा। यदि यह मिशन सफल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश होगा जिसने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करायी है। चंद्रयान-2 अभी पृथ्वी से 277 किमी दूर है। जबकि इसका शिरोबिंदु 89,472 किमी दूर है।
चंद्रमा के प्रभाव क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 की प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल अंतरिक्ष यान की गति धीमी करने में किया जाएगा ताकि यह चंद्रमा की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके। सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया में जुट जाएगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर लैंडर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह पर एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) की अवधि तक प्रयोग करेगा। लैंडर का जीवन काल एक चंद्र दिवस है। ऑर्बिटर अपने मिशन पर एक वर्ष की अवधि तक रहेगा।