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UAPA बिल के कानून बनने पर सबसे पहले कसेगा हाफिज सईद और मसूद अजहर पर शिकंजा
By Deshwani | Publish Date: 27/7/2019 11:31:09 AM
UAPA बिल के कानून बनने पर सबसे पहले कसेगा हाफिज सईद और मसूद अजहर पर शिकंजा

नयी दिल्ली। भारत के आतंकवाद विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधनों के प्रभाव में आने के बाद सबसे पहला शिकंजा हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कसने की तैयारी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।  गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक 2019, लोकसभा से पारित हो चुका है और राज्यसभा की मंजूरी का इंतजार है। इन्हें आतंकी घोषित किए जाने पर, इनके संपत्ति की जब्ती और इनके यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान होगा। 

 
हाफिज सईद और मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बावजूद पाकिस्तान में संरक्षण मिला हुआ है। हाफिज सईद जहां 2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है, वहीं मसूद अजहर हाल में हुए पुलवामा हमले और 2001 संसद भवन पर हुए हमले का आरोपी है।
 
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, नये बिल के बिल पास होने के बाद कानून बन जाने की स्थिति में आ जाएगा। किसी शख्स को तब ही आतंकी घोषित किया जाएगा जब केंद्रीय गृह मंत्रालय उसे मंजूरी देगा। जो शख्स आतंकी घोषित किया जाएगा वो केंद्रीय गृह सचिव के सामने अपील कर सकेगा। गृह सचिव को अपील का निस्तारण 45 दिन में करना होगा। इसके अलावा एक समीक्षा समिति होगी जिसके वर्तमान या सेवानिवृत्त जज प्रमुख होंगे। इसमें कम से कम भारत सरकार के दो सेवानिवृत्त सचिव सदस्य होंगे।
 
इस समिति का दरवाजा भी संबंधित शख्स खटखटा सकता है। संशोधन बिल के कानून बनने के बाद सरकार संपत्ति जब्त करने जैसे कदम उठा सकेगी। हालांकि, कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा तब सामने आएगा जब संसद से बिल पास होने के बाद एक्ट के नियम तय किए जाएंगे। एक और अधिकारी के मुताबिक, आतंकी घोषित किए जाने वाले व्यक्तियों का डेटा विदेशी सरकारों से भी साझा किया जाएगा। इस अधिकारी ने बताया कि बीते 15 साल में कुल 42 संगठन गैर कानूनी घोषित किए गए। इनमें 'दीनदार अंजुमन' इकलौता ऐसा संगठन रहा जिसने फैसले के खिलाफ सरकार से अपील की।
 
हालांकि, सरकार ने अपना फैसला बरकरार रखा और इस संगठन ने भी फिर किसी अदालत में चुनौती नहीं दी। लोकसभा ने बुधवार को आतंक विरोधी कानून में संशोधन वाले बिल को मंजूरी दी। अमित शाह ने कहा कि ये बहुत अहम है और आतंकवाद के खिलाफ बहुत कारगर रहेगा। शाह ने कानून को सख्त बनाने वाले संशोधन का बचाव किया। साथ ही विपक्ष की इन आशंकाओं को बेबुनियाद बताया कि इसका दुरुपयोग होगा। उन्होंने कहा कि नए कानून से जांच एजेंसियों को आतंकवादियों से चार कदम आगे रहने में मदद मिलेगी।
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