कर्नाटक में चौथी बार मुख्यमंत्री बने येदियुरप्पा, सोमवार को पेश करेंगे विश्वास मत
बेंगलुरु। भाजपा के बुकनकेरे सिद्दलिंगप्पा येदियुरप्पा ने शुक्रवार की शाम राजभवन के लॉन में कर्नाटक के 24वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। वह चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने अकेले ही फ़िलहाल शपथ ली है । सर्वाधिक विधायकों के बहुमत के बाद भी भाजपा की सरकार कर्नाटक में स्थापित नहीं हो सकी थी और कांग्रेस-जेडीएस के बेमेल गठजोड़ की साजिश के कारण पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की सरकार सत्ता पर काबिज हो गयी थी। सदन में वर्तमान सदस्यों के संख्याबल के हिसाब से फ़िलहाल येदियुरप्पा की सरकार को एक स्थिरता वाली मजबूत सरकार के रूप में देखा-माना जा रहा है। अब सोमवार 29 जुलाई को सदन में वे अपना बहुमत साबित करेंगे।
बीएस येदियुरप्पा 12 नवंबर 2007 को पहली बार केवल एक सप्ताह के लिए ही मुख्यमंत्री बने थे। क्योंकि एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में जेडीएस विधायक दल ने 20-20 महीने की साझा सत्ता करने के समझौते के तहत समर्थन देने से इनकार कर दिया था। जेडीएस ने भाजपा को सत्ता नहीं सौंपी और साल 2008 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया था। इसके बाद दूसरी बार 30 मई 2008 मुख्यमंत्री बने और तीन वर्ष 66 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। तीसरी बार फिर 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री बने और 23 मई 2018 को मात्र 6 दिनों में इनकी सरकार गिर गयी। चौथी बार आज 26 जुलाई को मुख्यमंत्री बने हैं। 2007 और 2018 में येदियुरप्पा की सरकार गिराने में एचडी कुमारस्वामी की ही प्रमुख भूमिका रही।
चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने दक्षिण भारतीय राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार का नेतृत्व किया है जो दक्षिण में भाजपा के लिए प्रवेश द्वार साबित होगा। हालांकि भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें 2011 में इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने बाद में बीमार होने की बात कहते हुए पार्टी छोड़ दी और अपनी खुद की कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का गठन किया था। साल 2013 के विधानसभा चुनावों के दौरान केजेपी केवल छह विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी, लेकिन पार्टी ने 10 प्रतिशत वोट हासिल किया था । वर्ष 2014 तक उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर लिया और शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और शानदार जीत हासिल की।
हालांकि, उन्होंने मई 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवमोग्गा जिले में अपने गृह क्षेत्र शिकारीपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीते। 17 मई 2018 को उन्होंने एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, हालांकि उनकी पार्टी सदन में बहुमत साबित करने में विफल रही और उनको इस्तीफ़ा देना पड़ा।
अब वह आज चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। अब फिर उनको सदन में बहुमत साबित करने की पुरानी समस्या का सामना करना पडेगा, हालाँकि इस बार हालात उनके पक्ष में हैं। राज्यपाल वजुभाई वाला ने इसके लिए सात दिनों की समय-सीमा दी है, लेकिन उन्होंने कहा कि सोमवार, 29 जुलाई को बहुमत साबित करेंगे। इस बीच 14 कांग्रेस-जेडीएस के असंतुष्ट विधायक विधानसभा से इस्तीफ़ा देने के बाद से मुंबई और पुणे के होटल में ठहरे हुए हैं।
स्पीकर ने कांग्रेस पार्टी के तीन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अध्यक्ष बाकी इस्तीफ़ों पर क्या करते हैं, यह देखना है। अब सियासी हलकों में येदियुरप्पा की स्थिर सरकार होने की चर्चा की जा रही है मगर कुछ लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि येदियुरप्पा इस बार कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे। वह पिछले साल फरवरी में 75 साल पूरे कर चुके हैं और कोई नहीं जानता कि पार्टी के आला नेताओं के दिमाग में उनके लिए क्या चल रहा है।