ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
उच्चतम न्यायालय का केंद्र सरकार को निर्देश, बाल यौन शोषण के मुकदमों के लिये गठित हो विशेष कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 25/7/2019 2:42:48 PM
उच्चतम न्यायालय का केंद्र सरकार को निर्देश, बाल यौन शोषण के मुकदमों के लिये गठित हो विशेष कोर्ट

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सभी जिलों में बाल यौन शोषण के मुकदमों के लिये केन्द्र से वित्त पोषित विशेष अदालतें गठित करने का आज आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा ये अदालतें उन जिलों में गठित की जायेंगी जहां यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण कानून (पोक्सो) के तहत एक सौ या इससे अधिक मुकदमे लंबित हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि पोक्सो के तहत मुकदमों की सुनवाई के लिये इन अदालतों का गठन 60 दिन के भीतर किया जाये। इन अदालतों में सिर्फ पोक्सो कानून के तहत दर्ज मामलों की ही सुनवाई होगी।

 
न्यायालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसे सभी मामलों में समय से फॉरेन्सिक रिपोर्ट पेश की जाये। पीठ ने केन्द्र को इस आदेश पर अमल की प्रगति के बारे में 30 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने और पोक्सो अदालतों के गठन और अभियोजकों की नियुक्ति के लिये धन उपलध कराने को कहा। देश में बच्चों के साथ हो रही यौन हिंसा की घटनाओं में तेजी से वृद्धि पर स्वतं: संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने इस प्रकरण को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। न्यायालय ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि को न्याय मित्र नियुक्त करने के साथ ही शुरू में ऐसे मामलों का विवरण भी तलब किया था।
 
शीर्ष अदालत ने कहा कि बच्चों के बलात्कार के मामलों के और अधिकराष्ट्रव्यापी आंकड़े एकत्र करने से पोक्सो कानून के अमल में विलंब होगा। पोक्सो से संबंधित मामलों की जांच तेजी से करने के लिये प्रत्येक जिले में फारेन्सिक प्रयोगशाला स्थापित करने संबंधी न्याय मित्र वी गिरि के सुझाव पर पीठ ने कहा कि यह इंतजार कर सकता है और इस बीच, राज्य सरकारें यह सुनिश्चत करेंगी कि ऐसी रिपोर्ट समय के भीतर पेश हो ताकि इन मुकदमे की सुनवाई तेजी से पूरी हो सके। न्यायालय इस मामले में अब 26 सितंबर को आगे सुनवाई करेगा। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS