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अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- 31 जुलाई तक मध्यस्थता, 2 अगस्त से रोजाना ओपन कोर्ट में होगी सुनवाई
By Deshwani | Publish Date: 18/7/2019 11:20:23 AM
अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- 31 जुलाई तक मध्यस्थता, 2 अगस्त से रोजाना ओपन कोर्ट में होगी सुनवाई

अयोध्या। अयोध्या में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मध्यस्थता कमेटी ने आज अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने मध्यस्थता कमेटी को 31 जुलाई तक का समय दिया है। इसके बाद 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे खुली कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। यानी 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा कि इस मामले का हल मध्यस्थता से निकाला जाएगा या रोजाना सुनवाई होगी।

 
इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 जुलाई को इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांग थी और कहा था कि अगर अदालत मध्यस्थता कार्यवाही पूरी करने का फैसला करती है तो 25 जुलाई से रोजाना आधार पर सुनवाई शुरू हो सकती है। पीठ ने 3 सदस्यीय मध्यस्थता समिति के अध्यक्ष और शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एफ एम आई कलीफुल्ला से अब तक हुई प्रगति और मौजूदा स्थिति के बारे में 18 जुलाई तक उसे अवगत कराने को कहा था।
 
पीठ ने 11 जुलाई को कहा था, कथित रिपोर्ट 18 जुलाई को प्राप्त करना सुविधाजनक होगा जिस दिन यह अदालत आगे के आदेश जारी करेगी। पीठ के न्यायमूर्ति एसएस बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल है। पीठ ने मूल वादियों में शामिल गोपाल सिंह विशारद के एक कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा आवेदन पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया।
 
आवेदन में विवाद पर न्यायिक फैसले की और मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की गई थी। आरोप लगाया गया था कि इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। पीठ ने कहा था कि अदालत मध्यस्थता समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद 18 जुलाई को उचित आदेश जारी करेगी। समिति में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता राम पांचू भी शामिल हैं।
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