नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में बारिश और बाढ़ से स्थिति बेहद गंभीर है। बिहार और असम में हालात बेकाबू हैं। दोनों राज्यों में 60 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं। 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर होकर विस्थापन को विवश हुए हैं। 20 हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है। बिहार में बाढ़ से अब तक 46 और असम में 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 119 टीमों को असम और बिहार समेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इन क्षेत्रों पर निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। असम में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना बुलानी पड़ी है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और मानस राष्ट्रीय उद्यान जलमग्न हैं। अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और सिक्किम में बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। बिहार के 13 जिलों में 33 लाख से ज्यादा और असम के 33 में से 30 जिलों में 43 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
उधर, तेज बारिश के कारण मुंबई में एक इमारत के ढह जाने से तीन लोगों की मौत हो गई है। कई दर्जन लोग मलबे में दबे हुए हैं। पंजाब में एक गोशाला के गिर जाने से करीब 100 गोवंश मलबे में दब गए। उत्तर प्रदेश में कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
असम में बाढ़ग्रस्त इलाकों में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। हैंडपंप और कुओं में बाढ़ का पानी घुस गया है। 28 जिलों के 3181 गांव टापू बन गए हैं। 90,000 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में है। 10 लाख से ज्यादा पशु प्रभावित हुए हैं। धुबड़ी जिला कारागार में पानी भर गया है। इस वजह से 417 कैदियों को सोमवार देर रात बालिका महाविद्यालय में स्थानांतरित किया गया।
18 जुलाई से शुरू होने वाले असम विधानसभा के वर्षाकालीन सत्र को अब 26 जुलाई से शुरू करने का फैसला किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोग बाढ़ से बेहद परेशान हैं। इसकी वजह से विधानसभा सत्र को पूर्व निर्धारित तारीख के बदले 26 जुलाई से आहूत किया गया है।
महाराष्ट्र में पालघर और ठाणे जिलों के नदी तट पर बसे 75 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। यहां के प्रमुख बांधों में जलस्तर ओवरफ्लो के निशान के पास पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से नदी और नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, पुरी, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
बिहार विधानसभा में बाढ़ की गूंज
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में बाढ़ के हालात पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में अचानक आई बाढ़ से निपटने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। राहत और बचाव कार्य की तैयारी मुकम्मल है। मंगलवार सुबह 10 बजे तक बाढ़ से 25 लोगों की मौत हुई है । राज्य के कुल 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 पंचायतों की 25 लाख 71 हजार 600 जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित है।
शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार एवं पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित इलाकों में 199 राहत शिविर खोले गए हैं। इनमें 116653 लोग रह रहे हैं। बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार के खाते में 6000 रुपये सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। राहत शिविरों के अलावा 676 सामुदायिक रसोई घरों की व्यवस्था की गई है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए 796 मानव बल और 125 मोटरबोट के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टुकड़ी तैनात की गई हैं। अभी तक लगभग 1.25 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल से निकलने वाली नदियों कमला बलान, बागमती, लालबकेया, अधवारा समूह की नदियों कोशी, परमान ,बकरा, कनकई और महानंदा में अधिक पानी आने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
मुंबई में इमारत ढही, तीन मरे, 40 से ज्यादा मलबे में दबे
महाराष्ट्र में मुंबई के डोंगरी इलाके की तांडेल स्ट्रीट में मंगलवार पूर्वाह्न 11ः30 बजे केसरबाग नामक 100 वर्ष पुरानी चार मंजिला इमारत ढह गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है। मलबे में चालीस से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका है। सात लोगों को निकालकर जेजे अस्पताल पहुंचाया गया है। घायलों में दो बच्चे भी हैं। एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के जवान मलबे से लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह इमारत 100 साल पुरानी थी।