राष्ट्रीय
बजट 2019: रेलवे तेजी से विकास के लिए पीपीपी मॉडल को अपनाएगा: वित्त मंत्री सीतारमण
By Deshwani | Publish Date: 5/7/2019 4:25:28 PMनई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे तेजी से विकास और यात्री माल ढुलाई सेवाओं के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को अपनाएगा।
उन्होंने कहा कि यह अनुमान है कि रेलवे को स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा कर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2018 से 2030 की अवधि के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। यह देखते हुए कि रेलवे का पूंजीगत व्यय प्रति वर्ष लगभग 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये है, सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में दशकों लगेंगे। निजी भागीदारी को समय की जरूरत बताते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रैक, रॉलिंग स्टॉक्स और यात्री माल ढुलाई सेवाओं के लिए पीपीपी का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रेलवे में निजी भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दे रही है।
वित्तमंत्री ने आगे कहा कि भारतीय रेलवे की उपनगरीय और लंबी दूरी की सेवाएं मुंबई और छोटे शहरों में अभूतपूर्व कार्य करती है। उन्होंने कहा कि रेलवे को विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के माध्यम से उपनगरीय रेल नेटवर्क में अधिक से अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें दिल्ली-मेरठ मार्ग पर प्रस्तावित रैपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) जैसी योजनाओं पर काम होगा।
सीतारमण ने कहा कि हम 2022 तक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए रेल यात्रा को सुखद और संतोषजनक बनाने के लिए हम इस वर्ष रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का एक विशाल कार्यक्रम शुरू करेंगे। उन्होंने यात्री किराये में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसमें यात्री किराया को तय करने के लिए यात्री को मिल रही सुविधाओं, उसकी जरूरतों और विभागीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किराया निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में 300 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क को मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि देश में इस वर्ष 657 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क परिचालन में आ गया है।