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निर्भया रेप मामला: कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को भेजा नोटिस, 19 जुलाई को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा
By Deshwani | Publish Date: 4/6/2019 6:14:40 PM
निर्भया रेप मामला: कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को भेजा नोटिस, 19 जुलाई को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा

नई दिल्ली। 2012 के निर्भया कांड के दोषियों को जल्द फांसी  देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को तलब किया है। कोर्ट ने जेल महानिदेशक के जरिए तिहाड़ जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी कर ये बताने को कहा है कि अभियुक्तों ने कौन-कौन कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है। कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को 19 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।

 
दो मार्च को कोर्ट ने तिहाड़ जेल के प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि अभी तक दोषियों की ओर से कोई क्यूरेटिव या दया याचिका दाखिल नहीं की गई है । वे क्यूरेटिव या दया याचिका दायर करेंगे। 
 
14 फरवरी को निर्भया के माता-पिता ने अर्जी दायर कर चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है। 5 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की फांसी की सजा सुनाई थी । मुख्य अभियुक्त ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी जबकि एक नाबालिग आरोपित अपनी तीन साल की सुधार गृह की सजा पूरी कर चुका था।
 
गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च  2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी । हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी। नौ जुलाई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी।
 
13 दिसंबर, 2018 को चारों दोषियों को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था कि यह किस तरह की मांग आप कोर्ट से कर रहे हैं। आपकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं।
 
याचिका वकील आलोक अलग श्रीवास्तव ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि निर्भया कांड के चारों गुनहगार मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए।
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