ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
काला धन मामला: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की हाईकोर्ट के फैसले पर रोक की मांग, सुनवाई कल
By Deshwani | Publish Date: 20/5/2019 1:58:21 PM
काला धन मामला: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की हाईकोर्ट के फैसले पर रोक की मांग, सुनवाई कल

नई दिल्ली। काला धन कानून को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है दिल्‍ली हाई‍कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर कल यानी 21 मई को सुनवाई होगी। केंद्र सरकार का कहना है कि इसका बहुत खराब असर होगा।

 
पिछले 16 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को निर्देश दिया था कि वो काले धन के मामले के आरोपित गौतम खेतान के खिलाफ अगले आदेश तक कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं करे। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इनकम टैक्स विभाग के 22 जनवरी को गौतम खेतान के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दिया था।
 
गौतम खेतान ने याचिका दायर कर केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी जिसमें अप्रैल 2016 में लागू काले धन से संबंधित कानून को जुलाई 2015 से लागू करने का आदेश दिया गया है। गौतम खेतान की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि जब काले धन का कानून ही अप्रैल 2016 में लागू हुआ तो उसे जुलाई 2015 से कैसे प्रभावी माना जा सकता है। 
 
उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ उनकी संपत्तियों को लेकर कार्रवाई की गई है जो काले धन के कानून आने के पहले लागू ही नहीं होता है। लूथरा ने कहा था कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में टैक्स असेसमेंट किया जाना था। लेकिन असेसमेंट वर्ष 2019-20 के लिए कोई टैक्स असेसमेंट नहीं किया गया।
 
लूथरा की इस दलील का इनकम टैक्स विभाग ने विरोध करते हुए कहा था कि जब विदेश में अघोषित संपत्ति का पता चला तो असेसमेंट पूरा होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं थी।  
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS