भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ अपाचे गार्जियन हेलीकॉप्टर, चीन-पाकिस्तान सीमा की करेगा पहरेदारी
नई दिल्ली। खुद को दिनों दिन शक्तिशाली बनाने में जुटी भारतीय वायुसेना को पहला लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन मिल गया है। इसका निर्माण अमेरिका के एरिजोना में हुआ है। भारत ने अमेरिका के साथ 22 ऐसे हेलीकॉप्टर के लिए अनुबंध किया था। इससे पहले वायुसेना को चिकून हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर मिल चुका है।
बोइंग एएच-64 ई अपाचे को दुनिया का सबसे घातक हेलीकॉप्टर माना जाता है। पिछले साल अमेरिका ने भारतीय सेना को छह एएच-64 ई हेलीकॉप्टर देने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इसे चीन और पाकिस्तानी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
बता दें कि भारतीय वायुसेना पिछले काफ़ी समय से अपनी मारक क्षमता कम होने से परेशान है। फ़ाइटर स्क्वाड्रन की तादाद घटकर केवल 31 रह गई है, जिन्हें चीन औऱ पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर मुकाबला करने के लिए कम से कम 42 होना चाहिए। पहाड़ों औऱ जंगलों में आतंकवादियों और दुश्मनों से मुक़ाबला करने के लिए अटैक हेलीकॉप्टर बेहद कारगर होते हैं।
अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियतें
अपाचे के आ जाने से भारतीय वायुसेना की क्षमता में बहुत बढ़ोत्तरी होगी। अपाचे दुनिया के सबसे अच्छे अटैक हेलीकॉप्टर्स में गिना जाता है।
ये रॉकेट, टैंकभेदी मिसाइलों और ज़मीन पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के लिए मशीनगन से लैस होता है। इसमें दो क्रू मेंबर होते हैं और ये हर मौसम में कारगर हमला कर सकता है।
पहाड़ी इलाकों में इसकी महत्वपूर्ण क्षमता होगी। हेलीकॉप्टर में गतिरोध सीमाओं पर सटीक हमले करने और जमीन से खतरों के साथ शत्रुतापूर्ण हवाई क्षेत्र में संचालित करने की क्षमता है। इसके अलावा हथियार से और युद्ध के मैदान की तस्वीर को प्रसारित करने और प्राप्त करने के लिए भी इनका बेहतरीन उपयोग किया जा सकता है।
अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के एडवांस्ड अटैक हेलीकॉप्टर प्रोग्राम का हिस्सा है। चार दशक से यह अमेरिकी सेना का हिस्सा है. इसे दुनिया का सबसे खतरनाक मारक हेलिकॉप्टर माना जाता है. अभी यह हेलीकॉप्टर इजराइल, मिस्र और नीदरलैंड के पास है।