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प्रधानमंत्री का ममता बनर्जी पर हमला, कहा- अब 'दीदी' मेरे लिए पत्थरों और थप्पड़ों की करती हैं बात
By Deshwani | Publish Date: 9/5/2019 12:02:19 PM
प्रधानमंत्री का ममता बनर्जी पर हमला, कहा- अब 'दीदी' मेरे लिए पत्थरों और थप्पड़ों की करती हैं बात

बांकुड़ा। पश्‍चिम बंगाल के बांकुड़ा में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आज सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यहां भाजपा की रैली न हो पाए इसके लिए टीएमसी सरकार ने पूरी जी जान लगा दी थी। कहा-लेकिन जिस पर आपका आशीर्वाद हो, उसे आपके बीच आने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि दीदी कितनी परेशान है, उसका अंदाज़ा उनकी भाषा से लगाया जा सकता है। वो अब मेरे लिए पत्थरों की बात करती हैं, थप्पड़ों की बात करती हैं। मुझे तो गालियों की आदत है लेकिन बौखलाहट में दीदी देश के संविधान का भी अपमान कर रही हैं।

 
प्रधानमंत्री ने कहा कि ममता दीदी ने पहले बंगाल को अपनी सत्ता के नशे में बर्बाद किया, अब वो बंगाल को और तबाह करने पर तुल गयी हैं अपनी सत्ता जाने के डर से। उन्हें मां-माटी-मानुष की नहीं, सिर्फ और सिर्फ अपने हितों, अपनी कुर्सी, अपने रिश्तेदारों, अपने भतीजे, और अपने टोलाबाजों की परवाह है। उन्होंने कहा कि दीदी अपने देश के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री मानने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को, प्रधानमंत्री मानने में उन्हें गौरव का अनुभव होता है।
 
रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल में समुद्री तूफान आया, तो मैंने दीदी को दो बार फोन किया, लेकिन उनका अहंकार इतना है कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से बात करना उचित नहीं समझा। यहां तक की भारत सरकार यहां के अफसरों के साथ बैठक करके राज्य की मदद करना चाहती थी लेकिन दीदी ने उस मीटिंग को भी करने से भी इनकार कर दिया। 
 
उन्होंने कहा कि आज स्थिति ये है कि यहां की मुख्यमंत्री तो दीदी हैं, लेकिन वो पीछे रहकर कैसे कैसों की दादागिरी और हुकूमत चलवा रही है। नाम का शासन तो टीएमसी रखा है लेकिन कारोबार दीदी के ‘जगाई-मथाई’ चला रहे हैं।
 
पीएम मोदी ने कहा कि दीदी को उन काली भक्तों, सरस्वती भक्तों, दुर्गा भक्तों और राम भक्तों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको पूजा भी डर-डर कर करनी पड़ती है। दीदी के दिल में घुसपैठियों के लिए और विदेशी कलाकारों के लिए ममता है। लेकिन हमारे आदिवासी युवा, हमारे सपूत जो राष्ट्र रक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, उनके लिए कोई ममता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हमारे वीर सपूतों ने पाकिस्तान के आतंकियों को घर में घुसकर मारा, तो दीदी ने आतंकियों की लाशें दिखाने की मांग की. जब पूरा देश सर्जिकल स्ट्राइक डे मना रहा था, तो पश्चिम बंगाल की सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
 
उन्होंने कहा कि आपके इस सेवक ने गरीबों को हर वर्ष 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। आयुष्मान भारत योजना से आपका इलाज भी मुफ्त में हो सकता था, लेकिन स्पीड ब्रेकर दीदी ने इस पर भी रोक लगा दी। ऐसी असंवेदनशील मानसिकता को उखाड़ फेंकना जरूरी है।
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