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मानहानि मामला: एमजे अकबर ने एवेन्यू कोर्ट में दर्ज कराया बयान, 20 मई को भी जारी रहेगी पूछताछ
By Deshwani | Publish Date: 4/5/2019 3:58:45 PM
मानहानि मामला: एमजे अकबर ने एवेन्यू कोर्ट में दर्ज कराया बयान, 20 मई को भी जारी रहेगी पूछताछ

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के केस में बयान दर्ज कराए। इस दौरान रमानी के वकील रेबेका जॉन ने क्रास-एग्जामिनेशन किया। यह अधूरा रहा। अब अगली सुनवाई 20 मई को होगी । क्रास-एग्जामिनेशन के दौरान अकबर की ओर से वकील गीता लूथरा के अलावा प्रिया रमानी भी मौजूद थीं।

 
इस दौरान एमजे अकबर ने पहली नौकरी से लेकर एशियन एज के लांच होने के बाद से मंत्री रहने तक का विस्तार से जवाब दिया। इंडिया टुडे के एडिटोरियल डायरेक्टर रहने से लेकर किताबें लिखने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, वे एशियन एज में संभवतः 1993 से लेकर 2006 तक थे। इस दौरान वे मध्य प्रदेश से सांसद रहे। 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। उन्हें भाजपा ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया। 2016 में वे विदेश राज्यमंत्री बने। उन्होंने प्रिया रमानी के अक्टूबर 2018 के एक ट्वीट के खिलाफ केस दायर किया है। 
 
अकबर ने कहा, वे अफ्रीका के आधिकारिक दौरे पर थे। वहां से लौटने पर ट्वीट का ब्यौरा मिला। यह ट्वीट 2017 में प्रिया रमानी के वोग में लिखे एक आलेख पर आधारित था। वोग में जो असली आलेख लिया गया था, उसमें उनका नाम नहीं था। ट्वीट में उनके नाम का उल्लेख कर उनका अपमान किया गया। ट्वीट में जिस भाषा का प्रयोग किया गया उसने उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। इससे परिजनों, मित्रों और आम लोगों में उनकी छवि खराब हुई। आरोप झूठे थे। अपनी छवि का बचाव करने के लिए उन्होंने कोर्ट का रुख किया। यही वजह रही कि विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर व्यक्तिगत रूप से केस दायर किया।
 
क्रास-एग्जामिनेशन में रेबेका जॉन ने अकबर से कांग्रेस के संबंधों पर सवाल उठाया। इसका वकील लूथरा ने विरोध किया। लूथरा ने कहा कि ये प्रश्न अप्रासंगिक है। इस पर रेबेका भड़क गईं। अकबर ने स्वीकार किया कि वह कांग्रेस में रहे हैं। रेबेका ने 2003 में दिल्ली हाईकोर्ट से कार्यवाही की गलत रिपोर्टिंग करने के मामले में जारी अवमानना नोटिस और प्रिया रमीन से मुलाकात पर भी सवाल किए। इस दौरान वकील लूथरा ने कोर्ट से कहा कि उन्हें दूसरी व्यस्तता में जाना है, इसलिए कार्यवाही स्थगित की जाए। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
 
पिछली 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे। 25 फरवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को जमानत दी थी। 29 जनवरी को कोर्ट ने रमानी को समन जारी किया था। इस मामले में सात लोगों तपन चाकी, मंजर अली , रचना गोयल, वीनू संदल और सुनील गुजराल के बयान दर्ज हो चुके हैं। अकबर ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। 
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