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लोकसभा चुनाव के दौरान 50 फीसदी ईवीएम की पर्चियों का वीवीपैट से मिलान, अगले हफ्ते होगी सुनवाई
By Deshwani | Publish Date: 3/5/2019 1:46:15 PM
लोकसभा चुनाव के दौरान 50 फीसदी ईवीएम की पर्चियों का वीवीपैट से मिलान, अगले हफ्ते होगी सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 21 विपक्षी दलों की लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में 50 फीसदी वीवीपीएटी के मिलान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर रिव्यू पिटीशन पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।

 
विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया है कि 50 फीसदी वीवीपीएटी का ईवीएम से मिलान होना चाहिए और किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में वीवीपीएटी की गिनती के आधार पर नतीजे घोषित होने चाहिए।
 
पिछले 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आगामी लोकसभा चुनाव में एक विधानसभा के एक बूथ के ईवीएम से वीवीपीएटी के मिलान की वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन करने का आदेश दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि इस चुनाव में एक विधानसभा के पांच बूथों के ईवीएम का वीवीपीएटी से मिलान किया जाए। कोर्ट ने कहा था कि इससे राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों को भी ज्यादा भरोसा होगा।
 
इस मामले में विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग के हलफनामे का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान स्वच्छ चुनाव के लिए जरूरी है। विपक्षी दलों ने कहा था कि इससे नतीजे घोषित करने में 6 दिन का समय लग जाए तो भी ठीक है। इससे लोगों का देश के चुनाव प्रक्रिया में भरोसा कायम होगा।
 
इन विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि हर चुनाव क्षेत्र के 50 फीसदी बूथों पर वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान होना चाहिए। याचिका में ईवीएम के जरिये चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इन विपक्षी दलों ने हाल ही में निर्वाचन आयोग से भी 50 फीसदी बूथों पर वीवीपैट के इस्तेमाल की मांग की थी।
 
इस मामले में निर्वाचन आयोग ने अपने हलफनामे में कहा था कि 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान की मांग अव्यावहारिक है। आयोग ने कहा था कि हर विधानसभा सीट से एक बूथ के वीवीपीएटी का ईवीएम से मिलान की व्यवस्था सही है। इसमें कोई कमी नहीं पाई गई है। अपने हलफमाने में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि 50 फीसदी वीवीपीएटी के ईवीएम से मिलान से नतीजे घोषित करने में 6 से 9 दिन का वक्त लगेगा। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि वीवीपीएटी को ईवीएम से मिलान की व्यवस्था को अंदरुनी मेकानिज्म के तहत लागू किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
 
जिन विपक्षी नेताओं ने याचिका दायर की थी उनमें टीडीपी के चंद्रबाबू नायडु, एनसीपी के शरद पवार, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, शरद यादव, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा,डीएमके के एमके स्टालिन, सीपीएम के टीके रंगराजन, आरजेडी के मनोज कुमार झा, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, सीपीआई के सुधाकर रेड्डी, कुंवर दानिश अली, रालोद के अजित सिंह, एआईयूडीएफ के एम बदरुद्दीन अजमल,बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह, इंडियन युनियन मुस्लिम लीग के खुर्रम अनीस उमर, तेलंगाना जन समिति के प्रोफेसर कोडानडरम और नगा पीपुल्स फ्रंट के केजी किनी शामिल थे।
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