ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
राफेल मामला: राहुल गांधी के बयान के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका
By Deshwani | Publish Date: 12/4/2019 12:56:36 PM
राफेल मामला: राहुल गांधी के बयान के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका

नई दिल्ली। राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से चौकीदार चोर है कहने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है। याचिका भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने दायर की है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

 
आज मीनाक्षी लेखी की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने 15 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया।
 
मेंशनिंग के दौरान मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि ये कोर्ट की अवमानना है। राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या की है। इस मामले पर जल्द सुनवाई की जाए। पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने राफेल मामले पर लीक दस्तावेजों को साक्ष्य के तौर पर पेश करने के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगा।
 
 
मामले पर सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं ने जो दस्तावेज लगाए हैं वे प्रिविलेज्ड हैं और उन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के तहत साक्ष्य के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता है। उधर, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा था कि सरकार की चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं है बल्कि सरकारी अधिकारियों को बचाने की है जिन्होंने राफेल डील में हस्तक्षेप किया।
 
सुनवाई के दौरान चीफ याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा था कि अटार्नी जनरल की आपत्तियां सुरक्षा हितों के लिए नहीं हैं। इनमें से सभी दस्तावेज पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं। ऐसे में कोर्ट इस पर संज्ञान कैसे नहीं ले सकती है। 
 
प्रशांत भूषण ने कहा था कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के मुताबिक प्रिविलेज का दावा उन दस्तावेजों के लिए नहीं किया जा सकता है जो पब्लिक डोमेन में हों। ये सभी दस्तावेज पब्लिश हो चुके हैं। इसलिए प्रिविलेज का दावा बेबुनियाद है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS