राष्ट्रीय
कहीं भी दर्ज कराई जा सकती है दहेज उत्पीड़न की शिकायत: सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 9/4/2019 2:49:30 PMनई दिल्ली। ससुराल में महिलाओं के प्रति होने वाली मारपीट और अन्य तरीके से उन्हें प्रताड़ित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि ससुराल से निकलने को मजबूर हुई महिला के लिए ये जरूरी नहीं कि वो दहेज उत्पीड़न की शिकायत उसी शहर में दर्ज कराए, जहां ससुराल है। महिला माता-पिता के शहर या जहां भी उसने शरण ली है, उस जगह शिकायत दर्ज करवा सकती है।
आम तौर पर आपराधिक मामले में ये कानून है कि केस उसी पुलिस थाने में दर्ज कराया जा सकता है जहां की सीमा क्षेत्र में घटना घटी हो।
लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि चूंकि महिला अपना ससुराल का घर छोड़ने के लिए मजबूर हुई है। इसलिए वो जहां रहेगी वहां वह भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत केस दर्ज करा सकती है।
बता दें दहेज कानून 498ए और घरेलू हिंसा निरोधक कानून महिला को ससुराल में होने वाले उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाए गए हैं। इस कानून के तहत अगर ससुराल में पति, सास, ससुर या परिवार का अन्य कोई व्यक्ति महिला को आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ना पहुंचाता है तो महिला इस कानून के तहत अब अपने ससुराल या किसी अन्य स्थान के थाने (ससुराल से निकाले जाने पर महिला जहां रह रही हो) रिपोर्ट दर्ज करा सकती है।