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शारदा चिटफंड मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-एयरटेल को भेजा नोटिस, जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप
By Deshwani | Publish Date: 29/3/2019 1:42:08 PM
शारदा चिटफंड मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-एयरटेल को भेजा नोटिस, जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई की वोडाफोन और एयरटेल के खिलाफ कॉल डाटा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए वोडाफोन और एयरटेल को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 8 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

 
सीबीआई का कहना है कि दोनों टेलीकॉम कंपनियां घोटाले से जुड़े लोगों का कॉल डेटा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं कर रही हैं। इससे जांच आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही है।
 
पिछले 26 मार्च को पश्चिम बंगाल के आईपीएस राजीव कुमार से पूछताछ पर सीबीआई की सीलबंद रिपोर्ट देखकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि इसमें दर्ज बातें बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने कहा था कि रिपोर्ट सीलबंद है। इसलिए अभी कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। सीबीआई चाहे तो 10 दिन में उपयुक्त अर्जी दाखिल करे। इसके बाद राजीव कुमार 10 दिन में जवाब दाखिल कर सकते हैं। हम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला करेंगे।
 
इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर पश्चिम बंगाल के पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि 5 आईपीएस अधिकारी पिछले 4 फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ राजनीतिक धरने पर बैठे थे। सुनवाई अभी जारी है।
 
अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा है कि पूछताछ में पता चला है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार चार अन्य आईपीएस अफसरों के साथ धरने पर बैठे थे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि संसदीय चुनाव के मद्देनजर पांच आईपीएस अफसरों के आचरण के बारे में निर्वाचन आयोग को भी लिखा गया है।
 
पिछले 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो आरोपियों के कॉल डाडा रिकॉर्ड (सीडीआर) से छेड़छाड़ पर हलफमाना दायर करें। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर सीडीआर से बड़े लोगों के नाम मिटाने का आरोप सही है तो ये बहुत गंभीर बात है।
 
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीबीआई को ये पता चला कि राजीव कुमार के नेतृत्व वाली एसआईटी ने सीडीआर से कुछ महत्वपूर्ण लोगों के नंबरों को हटा दिया। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर सीडीआर से छेड़छाड़ की गई है तो ये एक गंभीर अपराध है। इसके परिणाम भुगतने होंगे।
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