भारत 'मिशन शक्ति' से अंतरिक्ष में दिखाई अपनी ताकत, सैटेलाइट मार गिराने वाला बना महाशक्ति
नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष में अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए 'मिशन शक्ति' के जरिए आज अंतरिक्ष में एक लाइव सैटलाइट को मार गिराया। इस सफल परीक्षण के साथ ही भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अंतरिक्ष में सैटलाइट को मार गिराने का सामर्थ्य रखता है। भारत ने यह परीक्षण ऐसे समय पर किया है जब चीन लगातार अंतरिक्ष में अपनी ताकत बढ़ा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अतंरिक्ष महाशक्ति के तौर पर शामिल देशों की सूची में भारत के शामिल होने की घोषणा करते हुए आज कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया। ये सेटेलाइट लो अर्थ ऑर्बिट श्रेणी (एलईओ) श्रेणी का था, जिसे एंटी सेटेलाइट (ए-सैट) से मार गिराया गया।
प्रधानमंत्री ने देश के नाम संदेश में इस उपलब्धि को साझा करते हुए कहा कि अंतरिक्ष में लाइव सेटेलाइट को मारकर अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में चौथी सबसे बड़ी महाशक्ति बन गया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि और गर्व का पल है।
उन्होंने कहा कि भारत का ‘मिशन शक्ति’ बेहद सफल रहा और भारतीय वैज्ञानिकों ने सिर्फ तीन मिनट में लाइव सेटेलाइट को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया गया। दिल्ली में आर्थिक और सुरक्षा मामलों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि भारत अंतरिक्ष को युद्ध का मंच नहीं बनाना चाहता मगर वह देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष की निचली कक्षा में स्थापित एक सेटलाइट को आज भारत में विकसित एंटी सेटलाइट वेपन (ए-सैट) से माध्यम से मार गिराया गया है। उन्होंने कहा कि ‘मिशन शक्ति’ के तहत निशाना लगाने के तीन मिनट बाद ही वेपन ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।
उन्होंने कहा कि ए-सैट मिसाइल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूती देगा। वह विश्व समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि यह क्षमता दुनिया के किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि केवल भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए है। भारत अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के खिलाफ है और वह मानते है कि भारत की उपलब्धि ने किसी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं किया है।
प्रधानमंत्री ने मिशन शक्ति से जुड़े सभी अनुसंधानकर्ताओं और अन्य सहयोगियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश को हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और अपने नागरिकों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना ही होगा।