नई दिल्ली। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर के निधन के बाद विधानसभा स्पीकर प्रमोद सावंत को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। सोमवार देर रात उन्होंने गोवा राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें शपथ दिलवाई। उनके साथ सुदीन धावलीकर और विजय सरदेसाई ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। विजय सरदेसाई गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख हैं और सुदीन धावलीकर महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक हैं। इन दोनों पार्टियों के सहयोग से ही गोवा में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार चल रही थी।
यह पहला मौका है जब गोवा में कोई उप मुख्यमंत्री बना है। नवनियुक्त मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि मुझे सभी सहयोगियों के साथ एक स्थिरता और आगे बढ़ना है। अधूरे कामों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी होगी। मैं मनोहर पर्रीकर जी के जितना काम नहीं कर पाऊंगा, लेकिन जितना संभव हो सके काम करने की कोशिश करूंगा।
उन्होंने कहा, 'पार्टी ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं पूरी ईमानदारी के साथ इस जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करुंगा। मैं आज जो भी हूं, मनोहर पर्रिकर की वजह से हूं। वही मुझे राजनीति में लेकर आए। मैं उन्हीं की वजह से पहले गोवा विधानसभा का अध्यक्ष बना और अब मुख्यमंत्री बना हूं।' इससे पहले अपने सहयोगी दलों के साथ हुई कई बैठकों के बाद भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर बने गतिरोध को दूर करने में सफल रही। पर्रिकर जब मुख्यमंत्री थे तो उस समय उप मुख्यमंत्री पद की कोई व्यवस्था नहीं थी।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ''हम गठबंधन के सहयोगियों को राजी करने में सफल रहे और राज्य के लिए दो उप मुख्यमंत्रियों के फार्मूले को अंतिम रूप दिया।''
उल्लेखनीय है कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन और तीन निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा विधायकों की बैठक रविवार देर रात तक कई बार हो चुकी थी, ताकि पर्रिकर के उत्तराधिकारी पर आम राय बनाई जा सके। पर्रिकर एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें भाजपा, जीएफपी, एमजीपी और तीन निर्दलीय शामिल थे।
इस समय कांग्रेस 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। 40 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 12 विधायक हैं। भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन तथा रविवार को पर्रिकर के निधन और पिछले वर्ष कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर तथा दयानंद सोप्ते के इस्तीफों के कारण विधानसभा की क्षमता घटकर अब 36 हो गई है।