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गाड़ियों से सबसे ज्‍यादा प्रदूषण हो रहा है, लेकिन सभी पटाखों के पीछे पड़े हैं: सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 12/3/2019 4:03:18 PM
गाड़ियों से सबसे ज्‍यादा प्रदूषण हो रहा है, लेकिन सभी पटाखों के पीछे पड़े हैं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण मामले में केंद्र पर सवाल उठाए हैं। बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा बयान दिया। कोर्ट ने कहा कि आज सब लोग पटाखों के पीछे पड़े हुए हैं, हर कोई पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रहा है लेकिन हमें नहीं लगता कि सबसे ज्यादा प्रदूषण पटाखों के कारण हो रहा है। 

 
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण तो सड़क पर चल रही गाड़ियां हैं जिनसे निकलने वाले जहरीले धुएं वातावरण को तेजी से प्रदूषित कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि लोग पटाखों पर प्रतिबंध की मांग क्यों करते हैं जबकि साफ महसूस किया जा सकता है कि ऑटोमोबाइल्स कहीं अधिक प्रदूषण करते हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई होली के बाद होगी।
 
इतना ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से सीधे तौर पर कहा कि वे पटाखों और ऑटोमोबाइल से होने वाले प्रदूषण पर तुलनात्मक अध्ययन कर तत्काल इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंपे। 
 
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि पटाखों के निर्माण में बेरियम का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जा चुका है। ग्रीन पटाखों का फार्मूला अभी फाइनल किया जाना बाकी है। तब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बेरोजगार हुए कर्मचारियों का क्या है?
 
23 अक्टूबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरीके से पाबंदी लगाने से इनकार करते हुए केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और उत्पादन की अनुमति दी थी, जिससे प्रदूषण कम होता है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई थी। 
 
कोर्ट ने ई-कॉमर्स पोर्टल अमेजन और फ्लिपकार्ट को पटाखे बेचने पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि धार्मिक आयोजनों और शादी समारोहों में प्रतिबंधित केमिकल वाले पटाखों का इस्तेमाल नहीं करें। केवल उन्हीं पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति होगी जिनकी आवाज की डेसिबल सीमित है।
 
कोर्ट ने पटाखों के इस्तेमाल की समयावधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पटाखों का इस्तेमाल एक दिन में दो घंटे से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाएगा । राज्य सरकारें समय नहीं बढ़ा सकती हैं। वे पटाखों के इस्तेमाल के लिए शेड्यूल बदल सकती हैं लेकिन दो घंटे से ज्यादा पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दे सकती हैं। 
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