ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
राष्ट्रीय
अयोध्या मामला: तीन सदस्यीय मध्यस्थ निकालेंगे अयोध्या मसले का समाधान
By Deshwani | Publish Date: 8/3/2019 1:15:37 PM
अयोध्या मामला: तीन सदस्यीय मध्यस्थ निकालेंगे अयोध्या मसले का समाधान

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एस एम कलीफुल्ला अध्यक्ष, श्री श्री रविशंकर और वकील श्रीराम पांचू समिति के सदस्य 
नई दिल्ली। अयोध्या मामले में मध्यस्थता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर मध्यस्थता का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता के लिए कोई कानूनी अड़चन नहीं है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एस एम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थों की नियुक्ति का आदेश दिया। बाकी दो मध्यस्थ श्री श्री रविशंकर और वकील श्रीराम पांचू होंगे।
 
कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया गुप्त रहेगी। कोर्ट ने मध्यस्थता की प्रक्रिया 8 हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने मध्यस्थता की स्टेटस रिपोर्ट 4 हफ़्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया। पिछले 6 मार्च को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 
 
सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से मध्यस्थता का विरोध किया गया था। हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया कि था हिंदू इस मामले को भावनात्मक और धार्मिक आधार पर देखते हैं। जबकि मुस्लिम पक्ष ने मध्यस्थता का समर्थन किया था।
 
निर्मोही अखाड़े ने मध्यस्थ के लिए जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस जीएस सिंघवी के नाम का प्रस्ताव रखा था। वहीं स्वामी चक्रपाणि के नेतृत्व वाले हिंदू महासभा ने जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एके पटनायक का मध्यस्थय के रुप में नाम सुझाया था।
 
हिंदू पक्ष के वकील ने बाबर द्वारा मंदिर को गिराने का जिक्र किया था। इस पर जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि इतिहास हमने भी पढ़ा है। इतिहास पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। हम जो भी कर सकते हैं वो वर्तमान के बारे में कर सकते हैं।
 
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुझाव दिया था कि मध्यस्थता की कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग नहीं की जाए। तब मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील राजीव धवन ने कहा था कि अगर मध्यस्थता की मीडिया रिपोर्टिंग की जाए तो उस पर अवमानना का मामला चलाया जाए। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS