नई दिल्ली। ऐसे वक्त में जब भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंक के अड्डों को तबाह किया है, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन को साधने निकली हैं। आज सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वुज़ेन में चीन के विदेश मंत्री वांग ली और रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात की। यहां उन्होंने पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया और कहा भारत आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति रखता है।
भारत की एयरस्ट्राइक का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज ने चीनी विदेश मंत्री के सामने कहा, ‘’ मेरा चीन का दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत दुख और गुस्से से भरा हुआ है। कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था।’
विदेश मंत्री स्वराज ने कहा कि इस आतंकी हमले को पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था, जिसका जवाब भारत ने दिया है। उन्होंने चीन को बताया कि जब पाकिस्तान ने जैश के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया तो भारत को ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ा।
सुषमा ने कहा आज तड़के भारत के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक की जानकारी रूस और चीन के विदेश मंत्रियों को दी। उन्होंने बताया कि पुख्ता इनपुट मिलने के बाद भारत की वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों के खिलाफ कार्रवाई की, इसमें कई आतंकवादी मारे गए हैं।
उन्होंने कहा कि ये कोई मिलिट्री ऑपरेशन नहीं था, इसमें किसी मिलिट्री इंस्टॉलेशन को भी निशाना नहीं बनाया गया। इसका उद्देश्य भारत में एक और हमले को रोकने के लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करना था। भारत स्थिति को बढ़ते नहीं देखना चाहता। भारत जिम्मेदारी और संयम के साथ काम करना जारी रखेगा।
आपको बता दें कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती बीते कुछ समय में मजबूत हुई है। ऐसे में चीन को इस विषय पर भी राजी करना काफी अहम हो जाता है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की भारत की राह में चीन ही सबसे बड़ा रोड़ा है।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन का रिश्ता दोनों देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बीते साल हुई बैठक के बाद दोनों के आपसी रिश्ते में काफी सुधार हुआ है। बता दें स्वराज रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में शामिल हुई हैं। ये बैठक चीन के वुहान में हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में चीन कई बार अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा चुका है। हाल ही में जब पुलवामा आतंकी हमले को लेकर यूएनएससी की बैठक में निंदा प्रस्ताव लाने की बात हुई, तो चीन ने इसमें मसूद अजहर का नाम आने का विरोध किया। काफी मशक्कत के बाद चीन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेने पर राजी हुआ था।