ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
राफेल डील मामला: पुनर्विचार याचिका पर 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
By Deshwani | Publish Date: 23/2/2019 11:18:36 AM
राफेल डील मामला: पुनर्विचार याचिका पर 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

नई दिल्ली। राफेल विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले की पुनर्विचार याचिका पर 26 फरवरी से सुनवाई शुरू करेगा। पहली पुनर्विचार याचिका को यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण, दूसरी याचिका को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दाखिल किया था। दोनों याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की सीबीआई/एसआईटी जांच के अनुरोध पर गौर नहीं किया। साथ ही यह भी बताया कि केंद्र ने सीएजी रिपोर्ट की सारणी के संबंध में शीर्ष अदालत को गलत जानकारी दी थी।

 
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राफेल मामले में बहुत से नए तथ्य सामने आए हैं। कोर्ट को इन पर ध्यान देना चाहिए। राफेल मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट में की जाए।  पिछले साल कोर्ट ने जब सुनवाई की थी तब सरकार की तरफ से पेश हुए अफसरों ने कोर्ट के सामने गलत तथ्य रखे थे। इन लोगों ने कोर्ट को गुमराह किया। कोर्ट इस पर गौर करे। इस याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि फैसले पर विचार करने के लिए स्पेशल बेंच गठित की जाएगी।
 
बता दें, पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निगरानी में राफेल डील की जांच की मांग से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। तब कोर्ट ने कहा था कि राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई खामी नहीं है। इसमें कारोबारी पक्षपातों जैसी कोई बात सामने नहीं आई। ऐसे मामले में न्यायिक समीक्षा का नियम तय नहीं है। राफेल सौदे की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है। 36 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाना गलत है। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने में कमर्शियल फेवर के कोई सबूत नहीं हैं। देश फाइटर एयरक्राफ्ट की तैयारियों में कमी को नहीं झेल सकता। कुछ लोगों की धारणा के आधार पर कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता।
 
कांग्रेस लगातार राफेल डील को लेकर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि यह देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है और पीएम नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया है। 20 फरवरी को दसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा था कि राफेल डील साफ-सुथरी है। मुझे कैग रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कोई बैचैनी नहीं थी। पहला राफेल विमान सितंबर के महीने में भारत पहुंचेगा। इसके बाद अगले 36 महीने तक हर महीने एक विमान भारत को दिया जाएगा।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS