कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर केंद्र सरकार समेत 11 राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद देशभर में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त नजर आया। देशभर से कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट की घटनाओं के बीच उन्हें सुरक्षा देने की मांग उठी। कोर्ट ने इस मांग पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और 11 राज्यों को नोटिस भेजकर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा है कि कश्मीरियों और अल्पसंख्यकों पर हमले रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने भीड़ की हिंसा मामले के नोडल अफसरों को निर्देश दिया है कि वो कश्मीरियों को धमकी, हमले या बायकॉट के मामले पर कार्रवाई करें। कोर्ट ने केंद्र और 11 राज्यों से 27 फरवरी तक जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। कोर्ट ने कहा कि उसके आदेश और सुरक्षा के इंतजाम का व्यापक प्रचार-प्रसार हो।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत जिन राज्यों को नोटिस जारी किया है, उनमें महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, मेघालय, पश्चिमी बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और दिल्ली शामिल है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी किया है। नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। नोडल अधिकारियों के पास कोई भी कश्मीरी छात्र अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
याचिका वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है। संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।