सियोल में बोले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- 'दुनिया के सामने दो सबसे बड़े संकट- पहला आतंकवाद, दूसरा जलवायु परिवर्तन'
सियोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साउथ कोरिया में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि दुनिया के सामने दो सबसे बड़े संकट है। पहला आतंकवाद और दूसरा जलवायु परिवर्तन। उन्होंने ये बात साउथ कोरिया की योनसेई यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर कही। पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने हिंसा का रास्ता छोड़ने को कहा था, गांधी जी मानवता के मसीहा थे। वह किसी युग से बंधे नहीं थे। महात्मा गांधी ने प्रकृति से खिलवाड़ की चेतावनी दी थी। महात्मा गांधी का जीवन ही उनका संदेश है।
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद ने पूरी दुनिया को ललकारा है, आतंकवाद ने मानवता को ललकारा है। महात्मा गांधी के संदेश आज भी मानव शक्तिओं को एक करके आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रेरणा देते हैं।'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'महात्मा कहते थे की जब फैसला लेते समय दुविधा है तो अपने मन में समाज के आखिरी छोर पर बैठे शोषित और वंचित को याद कीजिए और सोचिए कि क्या फैसला वंचित की भलाई करेगा और अगर भलाई करेगा तो वो फैसला ले लीजिये। मानव जाति के कल्याण के लिए पूज्य बापू का ये सन्देश बहुत काम आएगा।'
इससे पहले पीएम मोदी ने सियोल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और यह जल्द ही पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। वह यहां भारत-कोरिया व्यापार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब पहले से अधिक खुली अर्थव्यवस्था है। पिछले चार साल में देश में 250 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई और बड़ी अर्थव्यवस्था इस तरह साल दर साल सात प्रतिशत की वृद्धि दर से नहीं बढ़ी है। आर्थिक सुधारों की बदौलत विश्व बैंक की कारोबार सुगमता सूची में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत 77वें स्थान पर पहुंच गया है।
मोदी ने कहा कि अगले साल तक उन्होंने भारत को शीर्ष 50 कारोबार सुगमता वाले देशों की सूची में शामिल कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सहयोग की प्रणाली उपलब्ध कराना है। भारत अवसरों की भूमि के तौर पर उभरकर सामने आया है।