जयपुर। गुर्जरों के आरक्षण आंदोलन के चलते गुर्जर बहुल जिलों में कई रेल व सड़क मार्ग बंद हैं। कई ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं। हालांकि रविवार के बाद कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है। इस बीच राज्य सरकार ने दो उच्च स्तरीय बैठकें की हैं ताकि विधानसभा में इस पर कोई फैसला किया जा सके। इससे सरकार के स्तर पर इस मामले में आज कोई घोषणा किए जाने के संकेत मिले हैं।
इस आंदोलन के कारण आम जनता की दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं। मंगलवार को आंदोलनकारियों ने राजधानी जयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर चाकसू कस्बे में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 को भी अवरुद्ध कर दिया। पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एम एल लाठर ने बताया कि आंदोलनकारियों ने चाकसू में एन एच संख्या 52 को भी मंगलवार को जाम कर दिया।
आंदोलनकारी दौसा जिले में सिकंदरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरूद्ध कर चुके हैं। इसके साथ ही नैनवा (बूंदी), बुंडला (करौली) व मलारना में भी सड़क मार्ग अवरूद्ध है। टोंक जिले में कोटा जयपुर राजमार्ग को बनास पुलिया पर, लालसोट गंगापुर करौली राजमार्ग पर भी जाम किया गया है। उन्होंने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं।
गुर्जर नेता विजय बैंसला के अनुसार आंदोलन जारी है। उन्होंने कहा,'धरने पर बैठे हैं और धरना जारी रहेगा। सरकार की ओर से शनिवार के बाद कोई संवाद संदेश नहीं आया है।' वहीं रेलवे ने आंदोलन के कारण कई और रेलों को रद्द किया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को तीन ट्रेनें रद्द की गयीं जिनमें हजरत निजामुद्दीन-अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन- उदयपुर व उदयुपर- हजरत निजामुद्दीन ट्रेन शामिल है। इसी तरह दो और ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है।
इस बीच मंगलवार को दो उच्च स्तरीय बैठकें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई जिनमें उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं व मंत्रियों के साथ चर्चा की। इन बैठकों का आधिकारिक ब्यौरा जारी नहीं किया गया है लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों ने संकेत दिया कि सरकार राज्य विधानसभा में इस बारे में कोई फैसला कर सकती है।