बजट से पहले वित्त राज्य मंत्री ने भगवान का लिया आशीर्वाद, बोले-'सबको कुछ ना कुछ मिलेगा'
नई दिल्ली। लोकसभा में बजट पेश होने से पहले वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने अपने आवास पर भगवान आशीर्वाद लिया। शिव प्रताप शुक्ल ने भगवान विंध्याचल माता का आशीर्वाद लिया। तस्वीर में दिख रहा है कि मंत्री माता विंध्यवासिनी की तस्वीर के सामने माथा टेक रहे हैं। शिव प्रताप शुक्ला पूर्वांचल से आते हैं और इस इलाके में माता विंध्याचल के प्रति लोगों की काफी आस्था मानी जाती है। बजट से पहले शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हम लोकप्रिय सरकार हैं, ऐसे में स्वभाविक है कि हम बजट में सभी का ध्यान रखेंगे। हमने हमेशा लोगों का बजट पेश करते आए हैं।
ज्ञात हो कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इलाज के लिए विदेश चले गए हैं। ऐसे में पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का काम देख रहे हैं। वही बजट पेश करेंगे। बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा किसानों के लिये राहत पैकेज, छोटे उद्यमियों को समर्थन और कुछ अन्य लोक लुभावन घोषणायें वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट का हिस्सा हो सकतीं हैं।
माना जा रहा है कि आम चुनाव में जाने से पहले सरकार इन घोषणाओं के जरिये मतदाताओं को लुभाने का एक और प्रयास करेगी। यह बजट केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के मौजूदा कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट होगा।
हालांकि, यह अंतरिम बजट होगा लेकिन उद्योग सूत्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री गोयल इससे आगे बढ़कर कुछ नई घोषणायें कर सकते हैं।
अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के चार महीने के खर्च के लिये संसद की अनुमति ली जायेगी। पूर्ण बजट आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार जुलाई में पेश करेगी।
कांग्रेस के उभार को देखते हुये गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण जैसे किसी योजना की घोषणा कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मतदाताओं को रिझाने के लिये पहले ही कह चुके हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जायेगा और गरीबों को न्यूनतम आय सीधे हस्तांतरित की जायेगी।
तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में हाल में भाजपा की पराजय के लिये किसानों के असंतोष को प्रमुख वजह माना जा रहा है। ऐसे में गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकदी अंतरण जैसी कोई योजना घोषित कर सकते हैं। किसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है
सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट सरकार के लिये उसकी मध्यकालिक कार्ययोजना पेश करने का एक बेहतर मौका है जिसमें वह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिये उपायों की घोषणा कर सकती है। इसमें सर्वजनीन न्यूनतम आय योजना की घोषणा भी की जा सकती है। वर्ष 2016- 17 के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी अवधारणा रखी गई थी।
छोटे व्यावसायों के लिये सस्ते कर्ज की योजना घोषित हो सकती है। कृषि क्षेत्र के राहत पैकेज में संभावित विकल्पों के तौर पर तेलंगाना राज्य की तर्ज पर किसानों को सीधे नकद राशि के हस्तांतरण की घोषणा की जा सकती है। उन किसानों के लिये जो समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं ब्याज मुक्त फसल रिण देने की सुविधा दी जा सकती है। खाद्यान्न फसलों के बीमा पर प्रीमियम को समाप्त किया जा सकता है।