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बतौर रक्षामंत्री अपने सख्‍त निर्णयों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे जार्ज फार्नांडिस: भारतीय सेना
By Deshwani | Publish Date: 29/1/2019 3:25:37 PM
बतौर रक्षामंत्री अपने सख्‍त निर्णयों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे जार्ज फार्नांडिस: भारतीय सेना

नई दिल्‍ली। पूर्व रक्षामंत्री जार्ज फर्नांफीस के निधन पर भारतीय सेना ने गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है। सेना ने अपने शोक संदेश में कहा है कि 1998 से 2004 के बीच जार्ज फर्नांफीस ने देश की सेना का बतौर रक्षामंत्री नेतृत्‍व किया। सेना को मजबूत करने के इरादे से उन्‍होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई कठोर निर्णय लिए थे। बतौर रक्षामंत्री अपने सख्‍त निर्णयों के लिए जार्ज फर्नांफीस को हमेशा याद किया जाएगा। 

 
उल्‍लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में 1998 से 2004 के बीच जार्ज फर्नांफीस रक्षामंत्री रहे। मार्च 2001 में तहलका रक्षा घोटाले में नाम आने के बाद जार्ज फर्नांफीस ने रक्षामंत्री के पद से इस्‍तीफा दे दिया था। इन आरोपों से दोषमुक्‍त होने के बाद उन्‍हें दोबारा रक्षा मंत्री बना दिया गया था। बतौर रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस के 6 साल के कार्यकाल के दौरान कारगिल युद्ध और पोखरण परमाणु परीक्षण प्रमुख घटनाक्रम रहे। 
 
रक्षा मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, जार्ज फर्नांडीस की गिनती उन भारतीय नेताओं में की जाती थी, जो परमाणु निसस्‍त्रीकरण के कट्टर समर्थक थे। जार्ज फर्नांफीस इकलौते ऐसे रक्षामंत्री थे, जिन्‍होंने अपने कार्यालय में हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की तस्‍वीर लगा रखी थी।
 
हालांकि यह बात दीगर है कि जब एनडीए की सरकार ने परमाणु बमों के परीक्षण का निर्णय लिया, तब फर्नांडीस ने इस निर्णय का खुलकर समर्थन किया था। उल्‍लेखनीय है कि एनडीए के शासनकाल के दौरान, राजस्थान के पोखरण रेंज में मई 1998 को 5 सफल परमाणु परीक्षण किए गए थे। 
 
जार्ज फर्नांडीस का नाम देश के ऐसे रक्षामंत्रियों में गिना जाता है, जो सेना से जुड़े मसलों पर फैसला लेने से पहले खुद सरहद पर जाकर उनकी समस्‍याओं से रूबरू होते थे। अपनी इसी आदत के चलते, जार्ज फर्नांडीस का देश के पहले ऐसे रक्षामंत्री बने जो सियाचिन ग्‍लेशियर पर तैनात भारतीय सेना का हाल लेने पहुंचे थे। करीब 6600 मीटर ऊंचाई पर स्थिति सियाचिन ग्‍लेशियर का जार्ज फर्नांडीस ने करीब 18 बार दौरा किया था। कहा जाता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, जार्ज फर्नाडीस हर दो महीने के अंतराल में सेना का हाल लेने के लिए सियाचिन पहुंच जाते थे। 
 
पूर्व रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीस के कार्यकाल में हुई दो बड़ी घटनाओं में एक घटना कारगिल युद्ध भी है।  1999 में भारत-पाकिस्‍तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्‍तानी सेना और पाक समर्थित आतंकियों को धूल चटा कर विजय हासिल की थी। 
 
रक्षामंत्री रहते हुए जार्ज फर्नांफीस तत्‍कालीन चीफ ऑफ नेवल स्‍टाफ के साथ हुए विवादों को लेकर भी सुर्खियों में रहे थे। सूत्रों के अनुसार, बतौर रक्षामंत्री जार्ज फर्नांफीस ने उप एडमिरल हरिंदर सिंह को नौसेना स्‍टाफ के उप प्रमुख के रूप में पदोन्‍नत कर दिया था। 
 
जार्ज फर्नांडीस का यह फैसला तत्‍कालीन चीफ ऑफ नेवल स्‍टाफ विष्‍णु भागवत को पंसद नहीं आया था। जिसके चलते जार्ज फर्नांडीस और विष्‍णु भागवत के बीच विवाद खड़ा हो गया था। बाद में, इसी मुद्दे पर विष्‍णु भागवत को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
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