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रिवर फ्रंट घोटालाः अखिलेश के लिए बढ़ी मुश्किलें, यूपी समेत 4 राज्यों में ईडी की छापेमारी
By Deshwani | Publish Date: 24/1/2019 3:41:22 PM
रिवर फ्रंट घोटालाः अखिलेश के लिए बढ़ी मुश्किलें, यूपी समेत 4 राज्यों में ईडी की छापेमारी

लखनऊ। कथित खनन घोटाले में सीबीआई के छापे के बाद अब एसपी सुप्रीमो और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रॉजेक्ट में घोटाले को लेकर ईडी ने छापेमारी की है। दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री रहते गोमती रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट अखिलेश का ड्रीम प्रोजेक्ट था लेकिन इसमें करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगा है। इसी मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी शुरू कर दी। 

 
आपको बता दें कि घोटाले का मामला दर्ज करने के बाद ईडी की यह पहली छापेमारी है। बताया जा रहा है कि ईडी ने देश के चार राज्यों यूपी, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में छापेमारी की है। ईडी की यह कार्रवाई सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारियों, इंजिनियरों और गैमन इंडिया कंपनी के अधिकारियों के 8 ठिकानों पर चल रही है। 
 
लखनऊ में ईडी की टीमों ने गोमती नगर के विशालखंड और राजाजीपुरम इलाके में छापा मारा। गोमती नगर के विशालखंड स्थित मकान नंबर 3/332 में ईडी की टीम पहुंची। इस विशाल घर के बाहर शिवांश नाम लिखा है। ईडी ने इस मकान को अंदर से बंद कर लिया है। किसी के भी अंदर जाने और बाहर आने पर रोक है। यह मकान ठेकेदार अखिलेश सिंह का है। बताया जा रहा है कि अखिलेश संतकबीरनगर के मेहंदावल से बीजेपी विधायक राकेश सिंह के भाई हैं। 
 
गोमती रिवर फ्रंट प्रॉजेक्ट के घोटाले में बीते सितंबर में छह बड़ी कंपनियों को समन जारी किया था। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जो कंपनियां ब्लैक लिस्टेड थीं, उन्हें रिवर फ्रंट के काम के ठेके दिए गए। इतना ही नहीं, इन कंपनियों को अधिक भुगतान भी किया गया। जिस राशि पर ठेका दिया गया, उससे अधिक भुगतान किया गया। 
 
कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी गैमन इंडिया को दो ठेके दिए गए, वह भी सबसे ऊंचे रेट 665 करोड़ पर। इस कंपनी को भी काम से ज्यादा भुगतान किया गया। वहीं केके स्पून कंपनी तो टेंडर के लिए योग्य ही नहीं थी। यहां तक कि कंपनी बेसिक योग्यताएं भी पूरी नहीं कर रही थी, जैसे सिंचाई विभाग में पंजीकरण। चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनी को ठेका पहले दे दिया गया और बाद में कंपनी सिंचाई विभाग में पंजीकृत हुई। 
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