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तीन दिनों से जारी गतिरोध खत्म, भारत-बांग्लादेश सीमा पर फंसे रोहिंग्या भेजे गए जेल
By Deshwani | Publish Date: 23/1/2019 11:42:51 AM
तीन दिनों से जारी गतिरोध खत्म, भारत-बांग्लादेश सीमा पर फंसे रोहिंग्या भेजे गए जेल

नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गाडर्स बांग्लादेश के बीच तीन दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हो गया। सीमा सुरक्षा बल ने 18 जनवरी से फंसे 9 महिलाएं और 13 बच्चों समेत 31 रोहिंग्या मुसलमानों को त्रिपुरा पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद पश्चिम त्रिपुरा की एक अदालत ने महिलाओं और बच्चों को छोड़ पुरुषों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

 
जम्मू के कैंप के आए 31 रोहिंग्या 18 जनवरी से त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर फंसे थे। दोनो देशों की सीमा पर इनकी मौजूदगी को लेकर बीएसएफ और बीजीबी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद इस मुद्दे को लेकर वार्ता भी हुई। लेकिन बीजीबी ने इन्हें बांग्लादेश वापस लेने से इनकार कर दिया। अंतत: इस गतिरोध को खत्म करने के लिए बीएसएफ ने इन रोहिंग्या को गिरफ्तार कर त्रिपुरा पुलिस को सौंप दिया।
 
इनके पास से मिले आईडी कार्ड से संकेत मिले हैं कि रोहिंग्या का यह समूह जम्मू के कैंप से आया था। इस समूह की एक लड़की ने मीडिया को बताया कि वे जम्मू के कैंप में पुलिस के दबाव से परेशान थे।
 
सूत्रों के मुताबिक पकड़े जाने से पहले यह रोहिंग्या का यह समूह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जा रहा था।
 
बीएसएफ के मुताबिक पिछले शुक्रवार से रोहिंग्या का यह समूह कांटेदार बाड़ के पीछे था। बीएसएफ ने बीजीबी से इन रोहिंग्या को बांग्लादेश में वापस लेने का आग्रह भी किया। दोनो बलों के बीच इस मामले को लेकर कई दौर की बैठकें भी चलीं, लेकिन बीजीबी ने इनकार कर दिया। 
 
भारत-बांग्लादेश सीमा पर इस गतिरोध को लेकर बीएसएफ और बीजीबी के बीच हुई बातचीत की रिपोर्ट गृह मंत्रालय भेजी गई और मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद बीएसएफ ने 31 रोहिंग्या को गिरफ्तार कर सुबह 11 बजे पश्चिम त्रिपुरा जिले के अमटोली थाने को सौंप दिया।
 
पुलिस द्वारा इस रोहिंग्या समूह के सदस्यों की मेडिकल जांच कराई गई जिसके बाद इन्हें पश्चिम त्रिपुरा की एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन 31 रोहिंग्या में से पुरुषों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जबकि समूह में शामिल 9 महिलाएं और 13 बच्चों को आश्रय स्थल भेज दिया गया।
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