नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी मुखिया मायावती ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए ऐतिहासिक गठबंधन का ऐलान कर दिया। अब सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी की सीट छोड़ दी गई है। इसके अलावा बाकी दो सीटें सहयोगियों को दी जाएगी। बीजेपी ने सपा-बसपा गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों पर तंज कसा है। बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि, दोनों पार्टियां अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए गठबंधन कर रही हैं।
बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने इस गठबंधन पर निशा साधते हुए कहा कि, यह जो सत्ता और स्वार्थ का गठबंधन हुआ है। एक बार तो यह मुकाबला होना ही था, मोदी जी के नेतृत्व में हम लड़ेंगे। बीजेपी का कार्यकर्ता 50 प्रतिशत की लड़ाई लड़ने को तैयार है।
वहीं बीजेपी के सीनियर नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सपा-बसपा के गठबंधन पर करारा हमला बोला है। उन्होंने इसे आपसी दुश्मनों का गठबंधन करार दिया। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के शहजादे हो, आंध्र प्रदेश के बाबू हो, यूपी की बहनजी हो, सब दिल में इच्छा रखते हैं और सबकी तलवारें चुनाव के बाद निकलेगीं।
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, दोनों पार्टियां अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए गठबंधन कर रही हैं। इससे पहले इन दोनों पार्टियों ने अपने कुकर्मों के लिए एक-दूसरे पर दोषारोपण किया है। यह उनका चुनाव है, अगर सारी पार्टियां साथ आ जाती हैं तो भी हमें विश्वास है कि हमारी जीत होगी।
उधर मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने इस गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, आज पूरे देश में गठबंधन की जरूरत है। बीजेपी को 2014 में केवल 31 प्रतिशत वोट मिला लेकिन उसने दावा किया कि यह जनता का निर्णय था लेकिन वोट कट गए जिसकी वजह से ऐसा हुआ।