ट्रेड यूनियन हड़ताल का दूसरा दिन, हिंसा की आशंका के चलते पश्चिम बंगाल में बस ड्राइवरों ने लगाया हेलमेट
नई दिल्ली। सेंट्रल ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है। विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन मंगलवार को पश्चिम बंगाल में छिटपुट घटनाएं हुईं जिससे सबक लेते हुए राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने रोडवेज बसों के ड्राइवरों को हेलमेट पहनकर बस चलाने का निर्देश दिया है।
आज सुबह भी पश्चिम बंगाल से ही सबसे पहले हड़ताल की खबर आई है। यहां सियालदाह-लक्ष्मीकांतपुर और डायमंड हार्बर सेक्शन पर ट्रेन सेवा प्रभावित हुई है।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस रूट पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन ओवरहेड वायर पर केले के पत्ते फेंक दिए है। सामान्य सेवाओं को बहाल करने के लिए ओवरहेड वायर से केले के पत्तों को हटाने के लिए टॉवर वैन को पहले ही भेज दिया गया है। सियालदह डिवीजन के अन्य सेक्शन में सामान्य सेवाएं चालू हैं।
वहीं मुंबई में आज का नजारा भी मंगलवार की तरह ही दिखा। यहां आज भी बेस्ट की बसें डिपो में खड़ी दिखाई दी।
मंगलवार को भी मुंबई में सार्वजनिक परिवहन की बसें सड़कों से दूर रहीं। दूसरी तरफ बैंकों का कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित हुआ था। यूनियनों ने सरकार पर श्रमिकों विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है।
देश के ज्यादातर इलाकों में सामान्य जनजीवन पर इस हड़ताल का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। हालांकि, वामदल शासित केरल में यह आंदोलन पूरी तरह हड़ताल में तब्दील हो गया। वहां स्कूल, कॉलेज बंद रहे और बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं।
मुंबई में सार्वजनिक परिवहन सेवा बेस्ट के 32,000 से अधिक कर्मचारी मंगलवार को वेतन वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। उनकी यह हड़ताल ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के दिन ही शुरू हुई। इससे करीब 25 लाख दैनिक यात्री प्रभावित हुए। इस बीच, केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि यदि वे हड़ताल पर जाते हैं और काम पर नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दो प्रमुख बैंक यूनियनोंआल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) ने हड़ताल का समर्थन किया है। हड़ताल से उन बैंकों का परिचालन प्रभावित हुआ है जहां इन दोनों यूनियनों का ज्यादा प्रभाव है।
हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज पर असर नहीं पड़ा, क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र की सात अन्य यूनियनें हड़ताल में भाग नहीं ले रही हैं। हड़ताल की वजह से सरकारी सेवाएं मसलन बिजली आपूर्ति तथा ट्रेन सेवाओं पर असर नहीं पड़ा। कई रेलगाड़ियां देरी से चल रही है। विरोध प्रदर्शन की वजह से पश्चिम बंगाल में ईएमयू और एमईएमयू ट्रेनों में देरी हुई। केरल के दफ्तरों में काफी कम संख्या में कर्मचारी आए। कर्नाटक में हड़ताल का मिलाजुला रुख रहा, जबकि अन्य राज्यों में सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ।
हड़ताल से ओड़िशा में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। भुवनेश्वर, कटक, पुरी, बालासोर, जालेश्वर, भद्रक, संबलपुर, बेरहमपुर और पारादीप में आंदोलनरत कर्मचारियों के रेल रोको से ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए थे। वहां एक स्कूल बस पर लोगों ने पथराव किया. कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं।
कोलकाता सहित राज्य के कुछ हिस्सों में हड़ताली कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका। पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में आंदोलनकारियों ने रेलवे लाइन पर जाम लगा दिया।
पुलिस ने बताया कि राजस्थान में एक जापानी कंपनी के कारखाने में संघर्ष में 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए है। हड़ताल का समर्थन कर रहे कर्मचारियों ने कारखाने में घुसने का प्रयास किया। यूनियन नेताओं का दावा है कि इस घटना में 50 कर्मचारी भी घायल हुए हैं।
बैंक यूनियनों के अनुसार, हड़ताल में हजारों बैंक कर्मचारी शामिल हुए है। इस वजह से बैंकों की कई शाखाओं में काउंटर सेवाएं मसलन जमा और निकासी, चेक समाशोधन आदि कामकाज प्रभावित हुआ। इससे पहले 26 दिसंबर को नौ बैंक यूनियनों ने विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आफ बड़ौदा में विलय के खिलाफ एक दिन की हड़ताल की थी। वहीं 21 दिसंबर को आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) ने हड़ताल की थी।