अर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी, सरकार ला सकती है संशोधन बिल
ननई दिल्ली।
मोदी सरकार ने सरकारी नौकरी और शिक्षा में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई वक्तव्य नहीं आया है। ऐसा मीडिया रिपोर्टस में दिखाए जा रहे हैं। लिहाजा भारत की सरकार मीडिया दूरदर्शन ने ट्वीट किया, "केंद्र सरकार की बड़ी घोषणा, आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्गों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण"
मीडिया के अनुसार सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया। लोकसभा चुनाव से पहले सवर्णों को आरक्षण दिया जाना एक बड़ा दाव माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारतीय संविधान में आरक्षण के लिए आर्थिक आधार मानने का कोई प्रवधान नहीं है। तो इसके लिए संविधान में संसोधन के लिए बिल लाना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े होने का आधार भूमि व वार्षिक आय होगा।
मिल रही खबरों के अनुसार केंद्र सरकार आरक्षण के इस नए फॉर्म्युले को लागू करने के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। सूत्रों के मुताबिक आरक्षण का मौजूदा कोटा 49.5 से बढ़ाकर 59.5 फीसदी करना पड़ेगा। अभी देश में कुल 49.5 फ़ीसदी आरक्षण है। अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी, अनुसूचित जातियों को 15 फ़ीसदी और अनुसूचित जनजाति को 7.5 फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था है।
बताया जा रहा है कि भारतीय संविधान में आरक्षण के लिए आय को आधार मानने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में संविधान संशोधन ही एकमात्र रास्ता है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इसके लिए संविधान में संशोधन के लिए संसद के चालू सत्र में बिल लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन (कल) सरकार संसद में बिल ला सकती है।
इसमें से 10 फीसदी कोटा आर्थिक रूप से पिछले लोगों के लिए होगा। बता दें कि लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछले सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की शर्त भी रखे जाने की खबरें हैं।
इसमें से 10 फीसदी कोटा आर्थिक रूप से पिछले लोगों के लिए होगा। बता दें कि लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछले सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की शर्त भी रखे जाने की खबरें हैं।