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जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही सुशासन की प्रथम शर्त : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
By Deshwani | Publish Date: 26/12/2018 10:22:40 AM
जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही सुशासन की प्रथम शर्त : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

नई दिल्ली। सुशासन दिवस के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि गरीबों के नाम पर भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध है तथा भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कीमत गरीब चुकाता है।

 
उन्होंने कहा कि ऐसे में जन आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही सुशासन की प्रथम शर्त है। वाजपेयी की जन्म जयंती ''सुशासन दिवस'' के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वाजपेयी ने चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में देश को सुशासन प्रदान किया।
 
नायडू ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वाजपेयी की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि संसद चर्चा एवं परिचर्चा का स्थान है और इस बारे में हाल में जो चलन सामने आया है, वह ठीक नहीं है।
 
उन्होंने इस संदर्भ में परमाणु परीक्षण के बाद देश पर लगे प्रतिबंधों, 1990 के दशक के अंत में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में आर्थिक मंदी तथा सीमापार आतंकवाद के तत्कालीन परिपेक्ष्य में वाजपेयी जी द्वारा उठाये गये सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं का जिक्र किया।
 
सुशासन के संदर्भ में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार की सबसे अधिक कीमत गरीब को चुकानी पड़ती है। अधिकांश भ्रष्टाचार गरीबों के नाम पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनाकांक्षाओं पर खरा उतरना, विकास को सर्वस्पर्शी और समन्वयवादी बनाना ही सुशासन की कसौटी है। विमुद्रीकरण को कालेधन के विरूद्ध एक निर्भीक कदम बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आवश्यक है कि उसको समर्थन करने वाला कालेधन का अर्थतंत्र समाप्त किया जाए। 
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