नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर आज भी हालात तनावपूर्ण होते नजर आ रहे हैं। स्थिति उस वक्त ज्यादा तनावपूर्ण हो गई, जब सुबह 50 वर्ष से कम आयु की दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश के लिए एक बार फिर से चढ़ाई शुरू की। दोनों महिलाओं को पुलिस सुरक्षा दे रही है, लेकिन लगभग 100 श्रद्धालु इन महिलाओं का विरोध कर रहे हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि विरोध कर रहे श्रद्धालुओं ने महिलाओं को मंदिर से 2 किलोमीटर पहले अपाचीमेडू में ही रोक दिया है।
मलप्पुरम की निवासी 46 वर्षीय कनकदुर्गा और कोझीकोड की रहने वाली बिंदू आज सुबह से मंदिर की ओर बढ़ रही हैं। वहीं प्रदर्शनकारी जगह जगह नारे लगाकर उनका रास्ता रोक रहे हैं। आज सुबह दोनों महिलाएं केएसआरटीसी की बस से पहले पम्बा पहुंची और यहां की पहाड़ी से अपनी यात्रा शुरू की। मरकूटटोम में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा था। जिसके कारण महिलाएं सुबह 7.30 बजे यहां पहुंचीं।
बिंदू ने सबरीमाला जाते वक्त मीडिया से कहा, 'हम यहां भगवान अयप्पा का दर्शन करने आए हैं। उम्मीद है कि यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और पुलिस हमें सुरक्षा प्रदान करेगी।'
इससे पहले पम्बा में रविवार की सुबह उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी जब 50 वर्ष से कम आयु की 11 महिलाओं के एक समूह ने भगवान अयप्पा मंदिर में पहुंचने की कोशिश की। उस वक्त सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उनका विरोध कर रास्ता रोक दिया था। हालांकि पुलिस ने पारंपरिक वन पथ को जाम करने और चेन्नई के 'मानिथि' संगठन की महिलाओं का रास्ता रोकने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की।
महिलाएं मंदिर की ओर जाने वाले पारंपरिक पथ पर केवल 100 मीटर ही आगे बढ़ पाई थीं। मंदिर यहां से पांच किलोमीटर दूर है। निषेधात्मक आदेश की अवहेलना करते हुए सैकड़ों श्रद्धालु यहां एकत्र हुए और उन्होंने भगवान अयप्पा के भजन जोर-जोर से गाने शुरू कर दिए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक वहां से हटाने की कोशिश की क्योंकि बार-बार घोषणाएं किए जाने की बाद भी वे वहां से जाने को तैयार नहीं थे। सड़कों पर छह घंटे से अधिक समय से बैठी महिलाओं के साथ भी पुलिस की बातचीत विफल रही, क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे दर्शन किए बिना नहीं लौटेंगी।