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1984 सिख दंगा: सज्जन कुमार अपनी सजा के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 22/12/2018 4:13:04 PM
1984 सिख दंगा: सज्जन कुमार अपनी सजा के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने ये सजा दी थी। वहीं इस फैसले के खिलाफ सज्जन कुमार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और उन्होंने इस बारे में एक याचिका दायर की है। इससे पहले उन्हें उम्रकैद की सजा मिलने पर उनके वकीलों का कहना था कि सज्जन कुमार दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

 
गौरतलब है कि 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था। अदालत ने कहा कि परिस्थितजन्य साक्ष्यों और गवाहों के बयानों को अगर ध्यान से देखें तो साफ पता चलता है कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने अपनी भूमिका का निर्वाह नहीं किया था।
 
वो हिंसा पर उतारू भीड़ का समझा बुझा सकते थे। लेकिन उन्होंने दंगा को भड़काने में मदद की। अदालत ने अपनी इस टिप्पणी के साथ निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और उम्रकैद की सजा सुना दी था।
 
इससे पहले 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए आजीवन कारावास की सजा पाए कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को राहत नहीं मिली थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने सरेंडर करने की अवधि बढ़ाए जाने की उनकी अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सज्जन कुमार को 31 दिसंबर को अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा। बता दें कि सज्जन कुमार ने सरेंडर करने के लिए कोर्ट से एक महीने की अनुमति मांगी थी।
 
सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा का कहना था कि 1984 सिख विरोधी दंगा एक ऐसा मामला था जिसमें साक्ष्य नहीं हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को वो लोग पढ़ रहे हैं, जहां तक अदालत के फैसले का सवाल है उसका उनका मुवक्किल सम्मान करता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है और वो लोग सर्वोच्च अदालत में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। 
 
17 दिसंबर को दिल्‍ली हाई कोर्ट ने सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक अन्‍य मामले में सज्‍जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि पीड़‍ितों का एक वर्ग उन्‍हें मौत की सजा देने की मांग कर रहा है। सज्जन कुमार के दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा लगतार कांग्रेस पर हमलावर है।
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