मध्य प्रदेश में बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई कांग्रेस, सत्ता बचाने का अब भाजपा के पास ये है आखिरी रास्ता!
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के आधिकारिक नतीजे घोषित होने के बाद अब असल सियासी उठा-पटक के आसार दिखने लगे हैं। वोटों की गिनती में काफी देर तक आगे-पीछे होने के बाद अब कांग्रेस राज्य में बड़ी पार्टी बनकर तो उभर कर सामने आई है, मगर वह बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई। कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दो सीटें दूर रह गई और 114 सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं, बीजेपी को 109 सीटों से संतोष करना पड़ा।
हालांकि, चुनावी समीकरणों से ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस आसानी से मध्य प्रदेश में सरकार बना लेगी, मगर ऐसा भी नहीं है कि बीजेपी के लिए सारे रास्ते बंद हो गए हों। राज्य की सत्ता में बकरार रहने का भाजपा के लिए अभी भी उम्मीद की किरण है, बशर्ते उसे वह दांव चलना होगा, जिसमें अमित शाह माहिर हैं।
दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा जारी नतीजों के मुताबिक, मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत मिली है, जो बहुमत के आंकडे से दो कम है। वहीं बीजेपी को राज्य में 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। कांग्रेस को राज्य में सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है, मगर अब उसके पास 114 नंबर होने से मदद की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, जिस तरह के सियासी समीकरण दिख रहे हैं उससे यह लग रहा है कि कांग्रेस सहयोगियों की मदद से आसानी से सरकार बना लेगी और अपना वनवास खत्म कर लेगी।
लेकिन बीजेपी के लिए भी सरकार बनाने के अभी भी विकल्प हो सकते हैं। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी के पास 109 सीटें हैं, अगर वह सपा और बसपा और निर्दलीय को अपने साथ साधने में कामयाब हो जाती है, तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा छू लेगी। क्योंकि बीजेपी के 109, बसपा के 2, सपा के 1 और निर्दलीय 4 को मिलाकर कुल संख्या 116 होते हैं, जो बहुमत का आंकड़ा है। वहीं कांग्रेस 114 पर ही रह जाएगी। इस तरह से अगर बीजेपी के लिए सब कुछ सही और फिट बैठता गया तो बीजेपी सत्ता में वापस हो भी सकती है। मगर यह राह इतना आसान भी नहीं होगा।