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राकेश अस्थाना मामला: कोर्ट ने बिचौलिए मनोज प्रसाद की जमानत अर्जी ठुकराई
By Deshwani | Publish Date: 13/11/2018 2:55:39 PM
राकेश अस्थाना मामला: कोर्ट ने बिचौलिए मनोज प्रसाद की जमानत अर्जी ठुकराई

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की कथित संलिप्तता वाले रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार बिचौलिये मनोज प्रसाद की जमानत याचिका आज ठुकरा दी। न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने प्रसाद को यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि उसके खिलाफ लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। 

 
सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी और अधिवक्ता राजदीपा बेहुरा ने जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि जांच अभी अहम चरण में है और प्रसाद का मामला अन्य आरोपियों के मामले से अलग है। 
 
इससे पहले जांच एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी प्रभावशाली शख्स है और अगर उसे जमानत पर रिहा किया गया तो वह मामले में चल रही जांच को बाधित कर सकता है और फरार हो सकता है। अपनी जमानत याचिका में मनोज प्रसाद ने कहा था कि उससे हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत नहीं है और उसे आगे हिरासत में रखे जाने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने जा रहा।
 
आपको बता दें कि न्यायिक हिरासत में चल रहे मनोज प्रसाद को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने 31 अक्टूबर को सह-आरोपी और सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को जमानत दे दी थी। जांच एजेंसी ने उनकी जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था।
 
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कारोबारी सतीश सना की लिखित शिकायत पर 15 अक्तूबर को राकेश अस्थाना और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। राकेश अस्थाना, मनोज प्रसाद और देवेंद्र कुमार के अलावा एक और कथित बिचौलिये सोमेश प्रसाद का नाम भी इस मामले में आरोपी के तौर पर शामिल है।
 
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मीट निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ मामले में जांच अधिकारी (आईओ) रहे देवेंद्र कुमार शिकायतकर्ता को परेशान करने के लिये बार-बार उसे सीबीआई दफ्तर बुला रहे थे और मामले में क्लीन चिट देने के बदले उसे पांच करोड़ की घूस देने के लिये बाध्य कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि घूस की कुछ रकम सतीश सना द्वारा दी गई।
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