स्वामी सानंद के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख, कहा- 'हमेशा याद रहेगा उनका जुनून'
नई दिल्ली/ऋषिकेश। गंगा नदी के संरक्षण को लेकर पिछले 111 दिनों से अनशन कर रहे जाने-माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का गुरुवार की दोपहर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह 86 वर्ष के थे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को स्वामी सानंद अपना शरीर दान कर गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा को लेकर उनके जुनून को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, श्री जीडी अग्रवाल जी के निधन से दुखी हूं। ज्ञान, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, खासकर गंगा की सफाई के प्रति उनके जुनून को हमेशा याद रखा जाएगा. मेरी संवेदनाएं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट कर सांनद के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, 'पर्यावरणविद प्रो. जी डी अग्रवाल जी के निधन से गहरा दुख पहुंचा है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'
वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप ने सानंद की मृत्यु की उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस के मुख्य प्रचार समन्वयक धीरेन्द्र प्रताप ने भाजपा के तथाकथित गंगा प्रेम को "छलावा" करार दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की लापरवाही से स्वामी सानन्द की मौत हुई। उन्होंने इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से कराने की की मांग की है।
डाक्टरों के बताया कि उनके शरीर में पोटेशियम और ग्लूकोज निचले स्तर पर आ गया था, इसकी वजह से दोपहर उन्हें हृदयघात आया। 86 वर्षीय सानंद अविवाहित थे। स्वामी सानंद ने एम्स ऋषिकेश को अपनी देह दान की हुई थी, लिहाजा पार्थिव शरीर को अभी एम्स में ही रखा गया है।
आपको बता दें कि गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए विशेष एक्ट पास कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का गुरुवार (11 अक्टूबर) को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में आखिरी सांस ली. स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद 22 जून से गंगा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर अनशन पर थे. वो आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर भी रह चुके हैं. इनका नाम प्रो, जीडी अग्रवाल था. सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से वार्ता विफल होने के बाद स्वामी सांनद ने मंगलवार (09 अक्टूबर) जल भी त्याग दिया था.