गुजरात के साबरकांठा में 14 वर्षीय बच्ची से रेप के बाद उत्तर भारतीयों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसके डर से अब तक 20 हजार से ज्यादा उत्तर भारतीय गुजरात छोड़कर वापस अपने घर लौट रहे हैं।
वडोदरा छोड़कर अपने घर लखनऊ जा रहे सुशील ने बताया कि, 'मैं अपने परिवार के साथ वडोदरा में रहता था। मेरे दो छोटे बच्चे हैं। अचानक रात में लोगों की भीड़ सड़कों और गलियों में घूमती नजर आई। पता चला कि वो यूपी-बिहार के लोगों को ढूंढ रही है। डर के कारण मैंने अपने बच्चों को स्कूल जाने नहीं दिया।"
वहीं, वडोदरा में एक फैक्ट्री में काम करने वाले मुकेश ने बताया कि हमारे फैक्ट्री लेबर सुपरिटेंडेंट ने कहा कि जितने भी उत्तर भारतीय वर्कर हैं वो काम छोड़कर चले जाएं। वरना, उनके साथ कुछ भी गलत हो सकता है। सुपरिटेंडेंट के एलान के बाद सभी साथी इतने डर गए कि सब घर लौट रहे हैं।
वहीं, अहमदाबाद से बिहार के सीवान जा ने धनंजय ने बताया कि वो अपने साथियों के साथ वापस जा रहे हैं। उन्हें कुछ गुजराती लोगों ने धमकी दी कि वापस बिहार लौट जाओ वरना तुम्हारी गर्दन काटकर ट्रेन से भेज देंगे। हमें अपनी जान प्यारी है इसलिए हम वापस लौट रहे हैं।
माना जा रहा है कि अहमदाबाद, वडोदरा, हिम्मतनगर, मेहसाणा, आणंद, साणंद और पांचमहाल से करीब 50,000 लोग निकल चुके हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि वह छठ पूजा के लिए वापस घर जा रहे हैं।
बता दें कि उत्तर भारतीयों पर बढ़े हमलों पर गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा ने बताया है कि अबतक कुल 51 केस दर्ज किए गए हैं और 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मेहसाणा में 15 केस दर्ज हुए हैं जिसके तहत 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।