बड़े लोग कर्ज लेकर भाग गए, लेकिन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स समय पर लोन चुका रहे हैं: नीतीश
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा कि कर्ज लेकर देश से भागने वाले बड़े लोगों के विपरीत ये समूह अपना ऋण वक्त पर चुका रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में गरीब महिलाओं की मदद के लिए छोटा कारोबार चलाने के वास्ते आठ लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बड़े लोगों ने बैंकों से अरबों रुपये का कर्ज लिया और देश से भाग गए, लेकिन स्वयं सहायता समूह चलाने वाली ये महिलाएं वक्त पर ऋण चुका रही हैं। यह छोटी चीज नहीं है। इससे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं में जागरूकता का स्तर दिखता है।’’
JDU की ओर से आयोजित ‘समाज सुधार वाहिनी’ कार्यक्रम में कुमार ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण का मतलब समाज, मानव, देश और दुनिया को सशक्त करना है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं यह कहता रहा हूं कि जब तक सामाजिक कुरीतियों से समाज को मुक्ति नहीं मिल जाती तब तक विकास उतना प्रभावी नहीं होगा। हमने नवंबर 2005 में सत्ता में आने के बाद समाज सुधार की प्रक्रिया शुरू की।"
कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए पंचायत सीटों, सरकारी नौकरियों में आरक्षण और शराबबंदी जैसे कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, "मैं अपना काम करता हूं और अन्य राज्य सरकारों के विपरीत प्रचार में यकीन नहीं करता हूं जो अपने काम की तुलना में प्रचार ज्यादा करती हैं।"
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार सालों में पब्लिक सेक्टर बैंकों का बहुत बड़ा कर्ज डूब गया है। RBI ने स्वीकार किया है कि बीते चार वर्षों में बैंकों ने जितना कर्ज वसूला है, उससे सात गुना बट्टे खाते में चला गया है। संसद की वित्तीय समिति के सामने आरबीआई ने ये आकंड़े पेश किए हैं। आरबीआई के आंकडों के मुताबिक, अप्रैल 2014 से लेकर अप्रैल 2018 तक देश के 21 सरकारी बैंक अपने कर्जदारों से 3,16,500 करोड़ रुपये का कर्ज वसूलने में नाकाम रहे और बैंकों ने इस रकम को बट्टे खाते यानी एनपीए में डाल दिया है। आरबीआई के खुलासे के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है।