नई दिल्ली। गुजरात के उत्तरी जिले साबरकांठा में 14 माह की एक बच्ची से रेप के मामले को लेकर विवाद बढ गया है। गैर-गुजराती लोगों पर हमले की कई घटनाओं के डर से उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोग दोबारा अपने राज्य भागने को मजबूर हो गए हैंं। इस हिंसा के पीछे ठाकोर समुदाय का हाथ बताया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका हिंसा की घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है ।
बता दें कि पीड़ित परिवार गुजरात के ठाकोर समुदाय से ताल्लुक रखता है, जिसके बाद हिंसा के ज्यादातर मामलों में ठाकोर समुदाय के लोगों का नाम सामने आया है। अल्पेश ने कहा कि हिंसा की इन घटनाओं के पीछे जो भी लोग हैं, वह उनसे शांति की अपील करते हैं। इनमें हमारे समुदाय के और ठाकोर सेना के सदस्य भी हो सकते हैं लेकिन इसके लिए हमारी तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। यह सिर्फ हमें और सेना को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।
गुजरात पुलिस के मुताबिक इस मामले में पांच जिलों से करीब 180 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो उत्तर प्रदेश और बिहार से आकर गुजरात में रहने वाले लोगों को निशाना बना रहे थे। 14 महीने की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद राज्य के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन चल रहा है।
गुजरात से गैर गुजरातियों के पलायन के पीछे सोशल मीडिया का सबसे बड़ा हाथ है। कथित रेप मामले के बाद सोशल साईट पर नफरत भरे पोस्ट वायरल किए गए जिसके बाद राज्य में हिंसा भडक गई। गुजरात से पलायन कर रहे लोंगो ने बिहार सरकार से भी इस मामले में मदद की गुहार लगाई है। चंपारण के बगहा, नरकटियांगज, बेतिया, रामनगर समेत अन्य शहरों के मजदूरों ने एसडीएम समेत अन्य से संपर्क साधा और अपनी सकुशल घर वापसी की गुहार लगाई। मजदूरों ने कहा कि उनके पास भोजन और किराये के लिए पैसे नहीं हैं, बाहर निकलने पर हमले हो रहे हैं।