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जम्मू कश्मीर: निकाय चुनाव से पहले सर्च ऑपरेशन, शोपियां में डोर-टू-डोर पहुंचे सुरक्षाबल
By Deshwani | Publish Date: 7/10/2018 1:02:38 PM
जम्मू कश्मीर: निकाय चुनाव से पहले सर्च ऑपरेशन, शोपियां में डोर-टू-डोर पहुंचे सुरक्षाबल

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में कल से निकाय चुनाव शुरू हो रहे हैं। राज्य में कुल चार चरणों में ये चुनाव संपन्न कराए जाएंगे, जिसका क्षेत्रीय दलों समेत अलगाववादी संगठन बॉयकॉट कर रहे हैं। इसी के चलते चुनाव सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।

 
आतंकियों की धमकी और राजनीतिक दलों के बायकॉट के बीच घाटी में सोमवार को स्थानीय निकाय के पहले चरण का मतदान है। चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किये हैं। चुनाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का गश्त बढ़ा दिया गया है, ताकि जनता के बीच किसी तरह का खौफ ना रहे। आतंकियों की जानकारी मिलने के बाद शोपियां के 6 गांवों में सुरक्षाबलों ने घर-घर जाकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है।
 
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा बलों ने मतदान के मद्देनजर शहर और घाटी के दूसरे इलाकों में गाड़ियों की जांच, तलाशी अभियान और इलाके में गश्त बढ़ा दी है। शहर में कई चेक-प्वाइंट बनाए गए हैं जहां गाड़ियों की जांच की जा रही है। गाड़ियों की जांच के लिये खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई अप्रिय घटना न हो।" 
 
जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि मतदान के लिये सुरक्षित माहौल देना एक चुनौती थी लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के बीच अच्छा तालमेल है और घाटी के लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ाने के लिये कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम पूर्ण सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। अधिकतर उम्मीदवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया और कुछ को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है, चुनाव वाले इलाकों में अभियान चलाया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।’’ 
 
पुलिस के मुताबिक उनका ज्यादा ध्यान संवेदनशील इलाकों पर है। अधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्रों पर सुरक्षा सख्त है और उनके आसपास मजबूत सुरक्षा घेरा है। कश्मीर में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक रविदीप सिंह शाही ने कहा, "समूची कश्मीर घाटी में माहौल नियंत्रण में है और लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने की कोशिश की जा रही है जिससे वे बेखौफ होकर मतदान के लिये आ सकें।" कल जिन इलाकों में चुनाव होने हैं उनमें जम्मू और लद्दाख के अलावा संवेदनशील दक्षिण कश्मीर के 4 जिले शामिल हैं। इन इलाकों में 6 अक्टूबर से ही इंटरनेट सेवा रोक दी गई है।
 
इस बीच पुलिस ने लोगों को बरगला और बहका रहे आतंकियों के 500 सक्रिय कार्यकर्ताओं (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार (7 अक्टूबर) को यह जानकारी दी। राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि धमकी देने, साजिश रचने और चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के 450 से 500 समर्थकों को पिछले एक हफ्ते में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सुगमता से चुनाव संपन्न कराने के लिए किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
 
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनाव चार चरणों में होंगे। आठ अक्टबूर के बाद दूसरे चरण का मतदान 10 अक्टूबर को, तीसरे फेज की वोटिंग 13 अक्टूबर और अंतिम चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा। वोटों की गिनती 20 अक्टूबर को होगी। राज्य के चुनाव अधिकारी के मुताबिक पहले फेज में कुल 422 वार्डों के लिए 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें जम्मू में 1010, कश्मीर में 207, लद्दाख में 66 उम्मीदवार हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि चार चरणों में होने वाले चुनाव के लिए कुल 2,990 उम्मीदवार मैदान में हैं। अब तक लगभग 244 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं। राज्य की मुख्यधारा की दो पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी इन चुनावों का बहिष्कार किया है। ये दल संविधान के अनुच्छेद 35-ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिये जाने का विरोध कर रहे हैं।
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