नई दिल्ली/जयपुर। चुनाव आयोग द्वारा राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि राजस्थान के लोगों ने उज्जवल भविष्य की हस्तरेखा लिखी है। उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा कि देश और दुनिया के लिए मैं भले ही प्रधानमंत्री हूं लेकिन भाजपा के लिए एक कार्यकर्ता हूं। पार्टी मुझे जब भी जहां भी जाने को कहेंगे, भले ही बूथ मीटिंग में जाने को भी कहा जाए, आपका ये कार्यकर्ता तैयार है।
मैं वहीं नरेंद्र मोदी हूं जो कभी हमारे सैनी जी के साथ स्कूटर पर बैठकर संगठन का काम किया करता था। कार्यकर्ता के नाते पार्टी जब भी जो भी जिम्मेदारी मुझे देती है, जी-जान से लगकर मैं उसे पूरा करने का प्रयास करता हूं। हमारे यहां एक परंपरा है कि जब कोई यात्रा करके आता है तो रिश्तेदार और जान-पहचान वाले उनका स्वागत करने पहुंच जाते हैं। मुझे महिलाओं के स्वागत का भी सौभाग्य मिला है। बीजेपी कभी मुंह नहीं छिपती, क्योंकि वह झूठ बोलने की राजनीति नहीं करती। वोट बैंक की राजनीति पूरी व्यवस्था को बर्बाद कर देती है। वोट बैंक की सियासत सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं रहती। अफसरों को भी वोट बैंक के आधार पर बांट दिया जाता है। वोट बैंक की राजनीति करने वालों को किसी भी कोने में ना घुसने दें। हम जोड़ने वाले हैं, कोई पीछे रह जाए ये हमें मंजूर नहीं। कांग्रेस को एक परिवार की आरती उतारो, राजनीति करो भाती है। हम लोगों का हाईकमान राजस्थान की जनता है तो उनका (कांग्रेस का) हाईकमान एक परिवार है। परिवार की परिक्रमा करने वाले राजस्थान की जनता का क्या भला करेंगे। वोट बैंक की राजनीति करने वाले विकास कार्यों में अडंगा अडाते हैं।
कांग्रेस ने बजट बनाने में भी बड़े-बड़े खेल किया। वो मेहनत नहीं करते हैं और इसलिए उनको झूठ का सहारा लेना पड़ता है। विकास कार्यों पर बहस करने के नाम पर वो भाग जाते हैं। कम समय में वसुंधरा जी ने जो उपलब्धियां हासिल की, उसे सुनने के बाद अगर मैं राजस्थान का मतदाता होता तो सबसे पहले यह काम करता कि दोबारा बीजेपी को वोट देकर उसे सत्ता में लाता। हमने सत्ता में आते ही देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने का बीड़ा उठाया। भारत सरकार के इस काम को वसुंधरा जी ने पूरे राज्य में पूरा किया।
जहां बिजली नहीं पहुंची है राजस्थान सरकार वहां तक बिजली पहुंचाने के काम में लगी है। क्या हो गया है कांग्रेस पार्टी को? क्या राजनीति ने आपको इतना नीचे धकेल दिया है? वीर जवानों के पराक्रम के पर्व पर भी सवाल उठाए गए। हमने लागत को डेढ़ गुना मूल्य किसानों को देने वादा किया था और उसे पूरा किया।