राष्ट्रीय
जल्द शुरू होगा देश की सबसे हाईटेक रेलगाड़ी 'ट्रेन 18' का ट्रायल
By Deshwani | Publish Date: 6/10/2018 11:23:05 AMनई दिल्ली। भारतीय रेल जल्द ही अपनी सेमी हाई स्पीड ट्रेन T-18 पटरियों पर उतारने जा रही है। बिना लोको इंजन वाली इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई की कोच फैक्टरी में किया जा रहा है। रेलवे अगली पीढ़ी की इस ट्रेन को 2018 अंत तक लांच करने की तैयारी हैं। इस रेलगाड़ी का ट्रायल उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस गाड़ी को लगभग 20 से 21 बार चला कर परीक्षण किया जाएगा। इस ट्रायल के लिए मुरादाबाद मंडल में लगभग 100 किलोमीटर के ट्रैक को चिन्हित किया जा रहा है। इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह चलाया जाना है। इस गाड़ी की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे ने बताया कि T-18 के ट्रायल के लिए तैयारियां की जा रही हैं। जल्द ही उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में इस रेलगाड़ी का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। इस ट्रायल के दौरान रेलगाड़ी की गति व तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी।
देश की सबसे आधुनिक ट्रेन मानी जा रही ट्रेन 18 एक सामान्य ट्रेन नहीं है। दरअसल ये एक ट्रेन सेट है। इस रेलगाड़ी को चलाने के लिए इसमें कोई इंजन नहीं लगाना होता है। इस गाड़ी के अगले व पिछले हिस्से में ही इंजन होता है। ऐसे में इस गाड़ी को किसी टर्मिनल पर या रास्तें में कहीं इंजन की मदद से खींच कर घुमाने की भी जरूरत नहीं पड़ती ये आगे व पीछे दोनों दिशाओं में चलती है।
सामान्य रेलगाड़ियों को चलने पर गति पकड़ने में कुछ समय लगता है। जबकि ट्रेन 18 तुरंत गति पकड़ लेती है। ब्रेक लगने पर भी ये कुछ सेकेंडों में ही वापस अपनी पुरानी गति को मेंटेंन कर लेती है। गाड़ी की यह खूबी इस गाड़ी की गति को बढ़ाने में मदद करती है।
इस रेलगाड़ी की एरोडाइनमिक डिजाइन काफी बेहतर है। इसके चलते गाड़ी की गति मेंटेन करने में काफी मदद मिलती है। सामान्य ट्रेनों को पटरियों के तीखे मोड़ों पर काफी गति कम करनी पड़ती है। ऐसे में गाड़ी को वापस गति पकड़ने में समय लगता है। वहीं ट्रेन 18 को यहां डिजाइन का लाभ मिलता है। इस गाड़ी को तीखे मोड़ों पर उतनी गति कम नहीं करनी पड़ती है जितनी सामान्य रेलगाड़ियों को पड़ती है। वहीं डजाइन के चलते चलते ये रेलगाड़ी तुरंत गति भी पकड़ लेती है।
ट्रेन 18 का पहला प्रोटोटाइप बन कर जून 2018 में बन कर तैयार हुआ। इसके चलते ही इस रेलगाड़ी का नाम ट्रेन 2018 पड़ा। हालांकि यह जब सामान्य सेवा में चलायी जाएगी तो इसे अन्य गाड़ियों की तरह किसी रूट का खास नाम दिया जा सकता है।