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कठुआ गैंगरेप केस की नहीं होगी CBI जांच, ट्रायल पर भी नहीं लगेगी रोक- सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2018 2:28:51 PM
कठुआ गैंगरेप केस की नहीं होगी CBI जांच, ट्रायल पर भी नहीं लगेगी रोक- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। कठुआ गैंगरेप मामले की सीबीआई जांच करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस की जांच में कोई कमी थी तो इसे निचली अदालत में ही उठाया जाना चाहिए था। कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि इसमें जम्मू कश्मीर पुलिस की जांच में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
 
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि केस की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है। अगर आरोपी लगता है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की है तो उसे ट्रायल के दौरान ही इस बात को साबित करना होगा। कठुआ गैंगरेप के मामले में आरोपी प्रवेश कुमार ने याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। आरोपी का कहना है कि उस पर जो कथित तौर पर आरोप लगाए गए हैं वह गलत है। कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए आरोपी ने कहा था कि वह न्याय के लिए मामले की सीबीआई जांच चाहता है।
 
आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को लापता हो गई थी जब वह जंगल में घोड़ों को चरा रही थी। जांचकर्ताओं ने कहा था कि आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया। अपनी बच्ची के लापता होने के अगले दिन उसके माता पिता देवीस्थान गए और राम से उसका अता पता पूछा। जिसपर , उसने बताया कि वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई होगी। चार्जशीट के मुताबिक आरोपी ने बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखने के लिए उसे अचेत करने को लेकर नशीली दवाइयां दी थी। बच्ची के अपहरण, हत्या और जंगोत्रा एवं खजुरिया के साथ उससे बार-बार बलात्कार करने में किशोर ने मुख्य भूमिका निभाई। किशोर अपनी स्कूली पढ़ाई छोड़ चुका है। एक अधिकारी ने बताया कि किशोर की मेडिकल जांच से जाहिर होता है कि वह वयस्क है लेकिन अदालत ने अभी तक रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लिया है। 
 
चार्जशीट के मुताबिक खजुरिया ने बच्ची का अपहरण करने के लिए किशोर को लालच दिया। खजुरिया ने उसे भरोसा दिलाया कि वह बोर्ड परीक्षा पास करने (नकल के जरिये) में उसकी मदद करेगा। इसके बाद उसने परवेश से योजना साझाकर उसे अंजाम देने में मदद मांगी, जो राम और खजुरिया ने बनाई थी। जंगोत्रा अपने चचेरे भाई का फोन आने के बाद मेरठ से रासना पहुंचा और किशोर एवं परवेश के साथ बच्ची से बलात्कार किया, जिसे नशीली दवा दी गई थी। राम के निर्देश पर बच्ची को मंदिर से हटाया गया और उसे खत्म करने के इरादे से मन्नू , जंगोत्रा तथा किशोर उसे पास के जंगल में ले गए। 
 
जांच के मुताबिक खजुरिया भी मौके पर पहुंचा और उनसे इंतजार करने को कहा क्योंकि वह बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ फिर से बलात्कार करना चाहता था। चार्जशीट में कहा गया है कि बच्ची से एक बार फिर सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में किशोर ने उसकी हत्या कर दी। इसमें कहा गया है कि किशोर ने बच्ची के सिर पर एक पत्थर से दो बार प्रहार किया और उसके शव को जंगल में फेंक दिया। दरअसल , वाहन का इंतजाम नहीं हो पाने के चलते नहर में शव को फेंकने की उनकी योजना नाकाम हो गई थी। शव का पता चलने के करीब हफ्ते भर बाद 23 जनवरी के सरकार ने यह मामला अपराध शाखा को सौंपा जिसने एसआईटी गठित की थी।
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