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जोधपुर जेल से रिहा हुए सात रोहिंग्या को म्‍यांमार वापस भेजने के केंद्र के फैसले पर SC की रोक नहीं
By Deshwani | Publish Date: 4/10/2018 12:27:11 PM
जोधपुर जेल से रिहा हुए सात रोहिंग्या को म्‍यांमार वापस भेजने के केंद्र के फैसले पर SC की रोक नहीं

नई दिल्ली। जोधपुर जेल से रिहा हुए और असम में अवैध तरीके से रह रहे सात रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लागने से इंकार कर दिया। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सात रोहिंग्या अवैध तरीके से असम में दाखिल हुए और फर्जी पहचान पत्र बनाकर रह रहे थे। दरअसल, सात रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए नई याचिका दायर की गई थी। इन लोगों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेजा जाना है। 
 
केंद्र सरकार ने असम में अवैध रूप से रह रहे सात रोहिंग्या घुसपैठियों को उनके देश म्यांमार प्रत्यर्पित करने का फैसला लिया था। गुरुवार को सात रोहिंग्या घुसपैठियों को मणिपुर में मोरेह सीमा पोस्ट पर म्यांमार प्रशासन को सौंपा जाना है। जानकारी के मुताबिक,  इन अवैध आव्रजकों को पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद वह साल 2012 से असम के सिलचर जिले के एक बंदी गृह में रह रहे थे। इन आव्रजकों को म्यांमार के राजनयिकों का काउंसलर एक्सेस दिया गया था। इसी के जरिए इन आव्रजकों की सही पहचान की पुष्टि हुई थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया था कि इन म्यांमार के नागरिक होने की पुष्टि तब हुई जब सरकार को पड़ोसी देश से उनके रखाइन राज्य का सत्यापित पता मिला। 
 
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल रोहिंग्या मुसलमानों को देश में नहीं रहने देने की अपनी नीति पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर साफ किया था। इस हलफनामे में सरकार ने कहा था कि भारत के किसी भी हिस्से में रहने और बसने का मौलिक अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों को है। 
 
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब दिया था कि रोहिंग्या मुसलमानों का देश में रहना गैर-कानूनी है। रोहिंग्या मुसलमान गैर कानूनी गतिविधियों में भी शामिल हैं। जैसे अपने दूसरे साथियों के लिए फर्जी पेन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड उपलब्ध कराना, कुछ रोहिंग्या मानव तस्करी में भी शामिल हैं। इसके अलावा रोहिंग्या मुसलमान आतंकवाद में शामिल हैं। इनके पाकिस्तान और आतंकी संगठन आइएस से भी संपर्क है जो कि हमारे देश के लिए खतरा है। इसलिए ये यहां नहीं रह सकते। देश में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं। ये काफी बड़ी संख्या है। इस वजह से सुरक्षा से जुड़ी परेशानियां भी आ सकती हैं।
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