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सिर्फ भारतीय सभ्यता ही विदेशी आक्रमणकारियों के हमलों के बावजूद बची रही है : मोहन भागवत
By Deshwani | Publish Date: 4/10/2018 12:17:28 PM
सिर्फ भारतीय सभ्यता ही विदेशी आक्रमणकारियों के हमलों के बावजूद बची रही है : मोहन भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि एकमात्र भारतीय सभ्यता ही विदेशी आक्रमणकारियों के हमलों के बावजूद अभी तक बची हुई है और वह हिन्दू बहुलता वाला एकमात्र देश है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के दौरान भागवत ने उक्त बात कही।
 
लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि सनातन धर्म शाश्वत है और कुछ अगर शाश्वत है तो वह हिन्दुत्व है। मालवीय जैसे व्यक्तित्वों की वजह से ही वह विदेशी आक्रमणकारियों के हमलों के बावजूद बची रही है।
 
भागवत ने कहा, भारत एकमात्र ऐसी सभ्यता है जो विदेशी आक्रमणकारियों के हमलों के बावजूद बचा रहा है जबकि अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में सब कुछ नष्ट हो गया। देश अभी भी हिन्दू बहुल है। उन्होंने इस पर जोर दिया कि मालवीय ने हमेशा आरएसएस के साथ संबंध बनाए रखे और वह उनके सिद्धांतों के विरूद्ध नहीं थे। उन्होंने कहा कि देश को अब भी मालवीय जैसे व्यक्तित्व की जरूरत है।
 
बता दें इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि विपक्षी पार्टियां भी अयोध्या में राम मंदिर का खुलकर विरोध नहीं कर सकती क्योंकि वह देश की बहुसंख्यक जनसंख्या के इष्टदेव हैं। भागवत ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राममंदिर निर्माण के प्रति संघ और भाजपा की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। साथ ही यह भी कहा कि कुछ कार्यों को करने में समय लगता है ।
 
उन्होंने कहा, ' कुछ कार्य करने में देरी हो जाती है और कुछ कार्य तेजी से होते हैं वहीं कुछ कार्य हो ही नहीं पाते क्योंकि सरकार में अनुशासन में ही रहकर कार्य करना पडता है । सरकार की अपनी सीमायें होती हैं ।' संघ प्रमुख ने कहा कि साधु और संत ऐसी सीमाओं से परे हैं और उन्हें धर्म, देश और समाज के उत्थान के लिये कार्य करना चाहिए ।
 
यहां 'साधु स्वाध्याय संगम' को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, "विपक्षी पार्टियां भी अयोध्या में राम मंदिर का खुल कर विरोध नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि वह (भगवान राम) बहुसंख्यक भारतीयों के इष्टदेव हैं । 
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