राष्ट्रीय
देश के 46वें चीफ जस्टिस बने रंजन गोगोई, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई पद की शपथ
By Deshwani | Publish Date: 3/10/2018 11:24:27 AMनई दिल्ली। जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार (03 अक्टूबर) को देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली।राष्ट्रपति भवन में बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस रंजन गोगोई को देश के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। जस्टिस गोगोई के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट के जज और अन्य केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गए थे और उनके उत्तराधिकारी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्टूबर को नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालने की जिम्मेदारी मिली है। जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले मुख्य न्यायधीश बने। जस्टिस गोगोई देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और 17 नवंबर 2019 तक उनका कार्यकाल रहेगा। जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले मुख्य न्यायधीश होंगे। जस्टिस गोगोई देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और 17 नंवबर 2019 तक उनका कार्यकाल रहेगा।
चीफ जस्टिस बनने के बाद जस्टिस रंजन गोगोई के सामने अयोध्या मामले का निपटाना करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा लंबित मामलों का निपटारा भी जस्टिस गोगोई के लिए बड़ी चुनौती होगी। बता दें कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की थी और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा (अब सेवानिवृत्त) के कार्यों पर सवाल उठाते हुए देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी। इन जजों में जस्टिस गोगोई भी शामिल थे।जजों ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
जस्टिस गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को असम के डिब्रूगढ़ में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा डॉन वास्को स्कूल में हुई थी। इंटरमीडिएट की पढ़ाई काटेन कॉलेज गुवाहटी से हुई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी। इसके बाद डीयू से कानून की डिग्री हासिल की थी। 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में बतौर वकील करियर की शुरुआत की थी। 28 फरवरी 2001 को गुवाहटी हाईकोर्ट का जज बनाया गया था। इसके बाद 9 सितंबर 2010 को उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा होईकोर्ट में हो गया था। 12 फरवरी 2011 को वहपंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति हुए थे। इस पद पर वह करीब एक साल तक रहे और 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे।